कोटखाई रेप एंड मर्डर केस : राजभवन पहुंचा जन आक्रोश, गुड़िया के लिए मांगा इंसाफ

Tuesday, Jul 18, 2017 - 08:53 PM (IST)

शिमला: गुडिय़ा प्रकरण को लेकर इंसाफ मांगने के लिए आंदोलन और तेज हो गया है। ऊपरी शिमला में दूसरा बड़ा प्रदर्शन हुआ है। शिमला में नागरिक सभा के बैनर तले लोग डी.सी. ऑफिस के पास एकत्र हुए। वहां से सीधे मालरोड होते हुए राजभवन की ओर रुख किया। प्रदर्शन में स्कूली बच्चों ने भी भाग लिया। पुलिस की उपस्थिति में नारेबाजी करते हुए ये राजभवन पहुंचे। वहां गेट के बाहर कई नेताओं ने लोगों को संबोधित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री के उस बयान पर भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें उन्होंने प्रदर्शन के लिए भाजपा व माकपा को जिम्मेदार ठहराया था।



हिमाचल में कानून व्यवस्था की स्थिति बिहार और यू.पी. जैसी
शिमला नागरिक सभा के अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा तथा सचिव कपिल शर्मा ने कहा कि हिमाचल में कानून व्यवस्था की स्थिति बिहार और यू.पी. जैसी हो गई है। उन्होंने हाल में हुई कई ऐसी वारदातों को उठाया जिसमें पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और सरकार प्रभावशाली व्यक्तियों व दोषियों को बचाने में लगी हुई है। उन्होंने मांग की है कि गुडिय़ा केस में पुलिस अधिकारियों के बैंक खातों की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वक्त प्रदेश में माफिया राज चल रहा है। लोगों का पुलिस से भरोसा उठ गया है। 



सरकार के खिलाफ हुई जमकर नारेबाजी
इस दौरान राजभवन में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर रोष जताया कि सरकार का कानून व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि वनरक्षक होशियार सिंह ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उसे वन माफिया ने मारा है। उन्होंने कहा कि अगर सी.आई.डी. के पास युग केस जांच के लिए ट्रांसफर नहीं होता तो इसके कातिल भी गिरफ्तार नहीं हो पाते। इस दौरान संजौली से राजभवन तक पैदल मार्च किया गया, जिसमें महिलाओं की तादाद ज्यादा थी।



राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन 
इस मौके पर दोनों ही तरह के प्रदर्शनकारियों के 2 अलग-अलग प्रतिनिधिमंडलों ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत को ज्ञापन सौंपे। इसमें पुलिस व एस.आई.टी. की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए। उन्होंने राज्यपाल से मांग की है कि गुडिय़ा केस को जल्द से जल्द सी.बी.आई. के हवाले किया जाए। उन्होंने शक जताया कि जांच एजैंसी की जांच शुरू होने तक सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है। मृतका की परिजन गीता ने मांग की कि इस केस की जांच के लिए समय सीमा निर्धारित की जाए। जांच पूरी होने के बाद सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो।