सरकार के खिलाफ फूटा 3 दर्जन प्रभावित कस्बों की जनता का गुस्सा

Saturday, Feb 27, 2021 - 11:44 AM (IST)

नूरपुर (राकेश सि.ह.) : सरकार की कथित टालमटोल व लटकाऊ नीति पर फोरलेन परियोजना से प्रभावित हो रहे करीब 3 दर्जन कस्बों के लोगों का गुस्सा शुक्रवार को सामने आया तथा इन लोगों द्वारा एक रैली का आयोजन करके सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया गया। इन लोगों ने एक स्वर में सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वह उनसे दूसरे दर्जे के नागरिक की तरह व्यवहार करने से बाज आए। हमारी बहुमूल्य जमीन, आवास व कारोबार तक इस परियोजना की भेंट चढने जा रहे हैं तथा हम राष्ट्र व प्रदेश हित में अपना सब कुछ बलिदान कर रहे हैं। लेकिन सरकार हमारी अवहेलना करते हुए हमें उचित मुआवजा देने तथा पुनर्वास के लिए कतई गंभीर नहीं दिखती तथा गत 2 साल से भी ज्यादा अवधि से मामला लटका कर रखा है। 

स्थानीय प्रशासन के माध्यम से फोरलेन संघर्ष समिति द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में इस बात को लेकर गहरा क्षोभ व्यक्त किया गया है कि 3 साल की अवधि बीतने को है तथा आज दिन तक मुआवजे को देना तो एक तरफ इसकी दर पर भी फैसला नहीं लिया जा सका। करीब 2 साल पहले तत्कालीन भू अधिग्रहण अधिकारी द्वारा एक विधिवत प्रक्रिया के तहत प्रति सर्कल रेट तय कर जिला कलेक्टर को भेजे गए थे। संबंधित अधिकारी ने कुछ संशोधन के साथ इन रेटों की सरकार को अनुशंसा की थी। सरकार ने इन नाममात्र रेटों को बढ़ाने की बजाय 40 प्रतिशत कटौती कर डाली।

अब इस जमीन की वास्तविक कीमत तो कि 5 लाख प्रति मरला से ज्यादा है का मुआवजा 70-80 हजार रुपए प्रति मरला दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में अधिकांश परिवार जिनकी संख्या हजारों में है अपना नया आशियाना तो क्या जमीन तक भी नहीं खरीद सकते। ज्ञापन में उन सब लोगों के पुनर्वास की भी मांग की गई है जिनके रोजगार तथा कारोबारी भवन इस परियोजना की भेंट चढ़ रहे हैं। इस रैली को संघर्ष समिति के विभिन्न पदाधिकारियों के अलावा प्रभावित कस्बों जौंटा, खज्जियां, भडवार, नागनी, वागनी, वौड, जाच्छ, जसूर, छतरोली, राजा बाग, नागाबाड़ी, कंडवाल से आए प्रमुख लोगों मुन्ना पठानिया, अंकुश शर्मा, जीवन महाजन, राम सिंह सहित करीब 1 दर्जन वक्ताओं ने संबोधित किया तथा रैली भी निकाली। रैली नूरपुर के चैगान स्थित स्टेडियम से शुरू हुई तथा 2 किलोमीटर लंबे नूरपुर बाजार से शुरू होकर मिनी सचिवालय पहुंची जहां प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
 

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prashant sharma