बादल फटने और भूस्खलन के बाद लाहौल-स्पीति में फंसे 144 पर्यटक
punjabkesari.in Thursday, Jul 29, 2021 - 11:59 PM (IST)
शिमला, 29 जुलाई (भाषा) हिमाचल प्रदेश के लाहौल -स्पीति में बादल फटने और भारी बारिश के बाद जगह-जगह भूस्खलन होने से 144 पर्यटक फंस गये हैं। यहां बृहस्पतिवार को एक बयान जारी करके यह जानकारी दी गयी।
जिला प्रशासन ने बताया कि पट्टन घाटी में 204 लोग फंसे थे जिनमें से 60 को पुलिस और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने सकुशल बचाकर निकाला।
इससे पहले राज्य आपदा प्रबंधन के निदेशक सुदेश कुमार मोखटा ने बताया था कि 175 लोग फंसे हैं जिनमें 60 महिलाएं एवं 16 बच्चे हैं।
जिले के एक प्रवक्ता ने बताया कि उपायुक्त नीरज कुमार ने उन्हें वहां से निकालने के लिए राज्य सरकार से हेलीकॉप्टर का सहयोग मांगा है।
मोखटा ने बताया कि मौसम के कारण राज्य सरकार के हेलीकॉप्टर से शुक्रवार को मदद लेने की योजना बनायी गयी है। उन्होंने कहा कि उन्हें सड़क मार्ग से निकालना मुश्किल जान पड़ता है क्योंकि पांगी होकर गुजरने वाले मार्ग के शुक्रवार शाम तक तैयार होने की संभावना नहीं है तथा खराब मौसम के कारण जिले में कई रास्ते एवं पुल क्षतिग्रस्त हो गये हैं।
पंजाब के होशियारपुर के पर्यटक रवींद्र सूद ने पीटीआई-भाषा को एसएमएस के जरिए कहा, ‘‘हाल में लाहौल घाटी के झलमान, शांसा और थिरोट क्षेत्रों में बादल फटने के कारण त्रिलोकीनाथ में 100 से अधिक और फूदान के गांवों में 35 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं।’’
सूद ने कहा कि यह पता नहीं चल पाया कि झालवन और उदयपुर गांवों में कितने लोग फंसे हैं। पहले सूद ने पीटीआई-भाषा से कहा था कि टेलीफोन नेटवर्क काम नहीं कर रहा है।
संपर्क करने पर लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने कहा कि फंसे हुए लोगों को एक मंदिर में ठहराया गया है और उन्हें पर्याप्त भोजन दिया जा रहा है। उनके अनुसार 72 लोग त्रिलोकीनाथ में फंसे हैं जिनमें 57 कुल्लू के, पंजाब और मंडी के सात-सात तथा होशियारपुर के पांच एवं संगरूर के दो लोग हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
जिला प्रशासन ने बताया कि पट्टन घाटी में 204 लोग फंसे थे जिनमें से 60 को पुलिस और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने सकुशल बचाकर निकाला।
इससे पहले राज्य आपदा प्रबंधन के निदेशक सुदेश कुमार मोखटा ने बताया था कि 175 लोग फंसे हैं जिनमें 60 महिलाएं एवं 16 बच्चे हैं।
जिले के एक प्रवक्ता ने बताया कि उपायुक्त नीरज कुमार ने उन्हें वहां से निकालने के लिए राज्य सरकार से हेलीकॉप्टर का सहयोग मांगा है।
मोखटा ने बताया कि मौसम के कारण राज्य सरकार के हेलीकॉप्टर से शुक्रवार को मदद लेने की योजना बनायी गयी है। उन्होंने कहा कि उन्हें सड़क मार्ग से निकालना मुश्किल जान पड़ता है क्योंकि पांगी होकर गुजरने वाले मार्ग के शुक्रवार शाम तक तैयार होने की संभावना नहीं है तथा खराब मौसम के कारण जिले में कई रास्ते एवं पुल क्षतिग्रस्त हो गये हैं।
पंजाब के होशियारपुर के पर्यटक रवींद्र सूद ने पीटीआई-भाषा को एसएमएस के जरिए कहा, ‘‘हाल में लाहौल घाटी के झलमान, शांसा और थिरोट क्षेत्रों में बादल फटने के कारण त्रिलोकीनाथ में 100 से अधिक और फूदान के गांवों में 35 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं।’’
सूद ने कहा कि यह पता नहीं चल पाया कि झालवन और उदयपुर गांवों में कितने लोग फंसे हैं। पहले सूद ने पीटीआई-भाषा से कहा था कि टेलीफोन नेटवर्क काम नहीं कर रहा है।
संपर्क करने पर लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने कहा कि फंसे हुए लोगों को एक मंदिर में ठहराया गया है और उन्हें पर्याप्त भोजन दिया जा रहा है। उनके अनुसार 72 लोग त्रिलोकीनाथ में फंसे हैं जिनमें 57 कुल्लू के, पंजाब और मंडी के सात-सात तथा होशियारपुर के पांच एवं संगरूर के दो लोग हैं।
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