हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार, तीन विधायकों को मिली कैबिनेट में जगह

Saturday, Aug 01, 2020 - 12:29 PM (IST)

शिमला, 30 जुलाई (भाषा) हिमाचल प्रदेश में 2017 में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद बृहस्पतिवार को पहली बार मंत्रिमंडल विस्तार कर तीन नए मंत्रियों को शामिल किया गया।


मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्रियों के तौर पर पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी, नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया और घुमारवीं के विधायक राजिंदर गर्ग को शामिल किया गया।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राजभवन में एक समारोह में नए मंत्रियों को पद की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में कोविड-19 संबंधी नियमों का पालन किया गया।

सुखराम और राजिंदर गर्ग ने हिंदी में शपथ ली जबकि पठानिया ने अंग्रेजी में शपथ ली।
15 अप्रैल 1964 को जन्मे चौधरी सिरमौर जिले से पिछड़ी जाति के नेता हैं। वह राजनीति में आने से पहले बिजली बोर्ड में जूनियर इंजीनियर थे।

चौधरी 2003, 2007 और 2017 में राज्य विधानसभा के लिये चुने जा चुके हैं। वह 2009 से 2012 तक मुख्य संसदीय सचिव के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

नूरपुर से विधायक पठानिया (56) ने 1991 में राजनीति में कदम रखा था।
15 नवंबर, 1964 को कांगड़ा जिले के लडोरी गांव में पैदा हुए पठानिया भाजपा के किसान मोर्चा के कांगड़ा जिले के अध्यक्ष रहे। इसके बाद उन्हें इसका राज्य सचिव और पार्टी की राज्य कार्यकारिणी का सदस्य नियुक्त किया गया।
स्नातक तक पढ़े पठानिया ने 1998 में भाजपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीता। इसके बाद उन्होंने 2007 में निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की। दिसंबर 2017 में एक बार फिर वह विधायक चुने गए। पठानिया राजपूत समुदाय से संबंध रखते हैं।

वही गर्ग बिलासपुर के घुमारविन विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक चुने गए। 30 नवंबर 1966 को तंडोरा में जन्मे गर्ग ने वनस्पति विज्ञान में एमएससी की पढ़ाई की है। पत्रकार से नेता बने गर्ग 1982 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और 1983 में एबीवीपी से जुड़े।

बीते कई महीने से राज्य में तीन मंत्रिपद खाली पड़े थे।

बिजली मंत्री अनिल शर्मा ने बीते साल अप्रैल में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
शर्मा ने मंडी लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार के लिये चुनाव प्रचार करने से इनकार कर दिया था। इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर उनके बेटे राम स्वरूप शर्मा चुनाव लड़ रहे थे।
नागरिक आपूर्ति मंत्री किशन कपूर ने पिछले साल कांगड़ा सीट से लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया था।

स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार को विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष राजीव बिंदल के इस्तीफा देने के बाद नया स्पीकर नियुक्त किया गया था।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Edited By

PTI News Agency