स्वास्थ्य घोटाला: कांग्रेस ने मामले की जांच उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से कराने की मांग की

Thursday, May 28, 2020 - 06:56 PM (IST)

शिमला, 28 मई (भाषा) हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल के स्वास्थ्य घोटाले में कथित संलिप्तता को लेकर इस्तीफा देने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को कांग्रेस ने एक बार फिर उच्च न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश से मामले की जांच कराने की मांग की।

इस बीच, बिंदल ने पांच मिनट का एक वीडियो जारी कर दावा किया कि वह जांच में बेगुनाह साबित होंगे।

बिंदल ने अपनी नियुक्ति के साढ़े चार महीने के भीतर बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

उन्होंने कहा था कि वह इस बात को सुनिश्चित करने के लिये इस्तीफा दे रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के कथित भ्रष्टाचार के मामले में समुचित जांच हो।
भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा को भेजे गए त्यागपत्र में बिंदल ने कहा था कि वह नैतिक आधार पर इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि कुछ लोग राज्य के स्वास्थ्य निदेशक द्वारा कथित तौर पर किये गए भ्रष्टाचार में पार्टी का नाम घसीट रहे हैं ।

राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो ने स्वास्थ्य सेवा के निदेशक अजय कुमार गुप्ता को 20 मई को गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी 43 सेकेंड की एक ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद हुई, जिसमें वह किसी व्यक्ति से कथित तौर पर पांच लाख रुपये की घूस के लिए कह रहे थे ।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मामले की जांच उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से कराने की मांग की और कहा कि इस घोटाले से ‘‘भाजपा की ईमानदारी’’ उजागर हो गई, वह भी ऐसे समय में जब राज्य कोरोना वायरस से लड़ रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौड़ ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि बिलासपुर जिले में कोविड-19 से अग्रिम मोर्चे पर निपट रहे योद्धाओं को निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) की बजाय बरसाती (रेनकोट) दी गई और राज्य सचिवालय के लिए उच्च दामों पर सैनिटाइजर खरीदे गए।

उन्होंने दावा किया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने 500 मिलीलीटर सैनिटाइजर की बोतल 700 रुपये में खरीदी जबकि उसकी वास्तविक कीमत 250 रुपये है।

कांग्रेस के दोनों वरिष्ठ नेताओं ने कोविड-19 के 15 मरीजों को हमीरपुर में उनके घर भेजने में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कोरोना वायरस से निपटने में राज्य में भाजपा नीत सरकार की लापरवाही दर्शाता है।

इस मामले में चल रही सतर्कता जांच पर संदेह व्यक्त करते हुए राठौड़ ने कहा कि सतर्कता विभाग ‘‘कभी भी अपने आकाओं के खिलाफ नहीं जाएगा’’ क्योंकि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के पास गृह और स्वास्थ्य विभाग का अतिरिक्त प्रभार है।
वीरभद्र और राठौड़ ने मामले की जांच उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से कराने की मांग की ।


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PTI News Agency