प्रियंका वाड्रा जमीन मामले की सुनवाई टली, जानिए वजह?

Saturday, Nov 26, 2016 - 10:10 AM (IST)

शिमला: प्रियंका वाड्रा की जमीन से जुड़ी जानकारी मांगने पर न दिए जाने को लेकर वाड्रा द्वारा राज्य सूचना आयोग के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 22 दिसम्बर के लिए टल गई है। सूचना मांगने वाले आर.टी.आई. कार्यकर्त्ता देवाशीष भट्टाचार्य के वकील द्वारा भट्टाचार्य की ओर से मामले में पैरवी न किए जाने पर उन्हें 25 नवम्बर की तारीख की सूचना दी गई थी, ताकि वह अपना पक्ष कोर्ट के सामने रख सकें। शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान पाया गया कि भट्टाचार्य को भेजे गए नोटिस की तामील बारे सूचना का इंतजार है, जिस कारण मामले पर सुनवाई टल गई।


गौर रहे कि न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने वकील का आवेदन स्वीकार करते हुए भट्टाचार्य को 25 नवम्बर के लिए नोटिस जारी करने के आदेश दिए थे ताकि वह अपने मामले की पैरवी कर सके। गौरतलब है कि प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयोग के उस अंतरिम आदेश पर रोक लगा रखी है, जिसके तहत आयोग ने प्रार्थी देवाशीष भट्टाचार्य को जमीन सौदे से संबंधित मांगी गई सूचना देने के आदेश दिए थे। एस.पी.जी. प्रोटैक्टी होने के नाते वाड्रा ने अपनी जमीन संबंधी जानकारी सार्वजनिक करने पर आपत्ति जताई है। मामले पर सुनवाई 22 दिसम्बर को होगी।


उधर, हाईकोर्ट में ही एच.पी.सी.ए. के खिलाफ धर्मशाला में दर्ज अवैध पेड़ कटान मामले में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने वाली याचिका पर सुनवाई 29 दिसम्बर के लिए टल गई। न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई। उल्लेखनीय है कि एच.पी.सी.ए. के खिलाफ  सरकारी भूमि से सवा 4 सौ पेड़ों के कथित अवैध कटान के कारण दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की गुहार को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। मामले के अनुसार धर्मशाला स्थित पैवेलियन होटल के निर्माण में सरकारी भूमि से सवा 4 सौ पेड़ों के अवैध कटान की बात सामने आई थी। 29 नवम्बर, 2013 को इस बाबत प्राथमिकी दर्ज की गई। इस मामले में अनुराग ठाकुर, एच.पी.सी.ए. के सचिव विशाल मरवाह, एच.पी.सी.ए. के पी.आर.ओ. संजय शर्मा, तात्कालिक तहसीलदार जगदीश राम, वन विभाग के रेंज अधिकारी विधि चंद, तात्कालिक कानूनगो कुलदीप कुमार और तात्कालिक पटवारी जगत राम को भी आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने इस मामले की जांच करने के पश्चात विशेष न्यायाधीश के समक्ष चालान पेश किया है।


याचिकाकत्र्ताओं के अनुसार यह मामला सिविल नेचर का है, परंतु मुख्यमंत्री की विशेष दिलचस्पी के चलते इस मामले को क्रिमिनल बनाया गया है। एच.पी.सी.ए. अध्यक्ष अनुराग ठाकुर द्वारा अपने खिलाफ  धर्मशाला में दर्ज भ्रष्टाचार के मामले को निरस्त करने संबंधी याचिका पर शुक्रवार को बहस पूरी न होने पर सुनवाई 14 दिसम्बर के लिए टल गई। एच.पी.सी.ए. के पदाधिकारियों पर आरोप है कि इन्होंने सरकारी अधिकारियों से मिलकर सरकारी भूमि पर बने सरकारी कालेज भवन को गिरा कर होटल का निर्माण किया। 3 अक्तूबर, 2013 को सतर्कता विभाग धर्मशाला में अनुराग ठाकुर सहित अन्य एच.पी.सी.ए. पदाधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया। एच.पी.सी.ए., अनुराग ठाकुर, संजय शर्मा और गौतम ठाकुर ने हाईकोर्ट में अपने खिलाफ  चल रहे भ्रष्टाचार के मुकद्दमे को खारिज करने की मांग करते हुए याचिकाएं दायर कीं।