अधिकृत न होने पर भी PhD करवा रहा था निजी विश्वविद्यालय, जुर्माना

Tuesday, Nov 13, 2018 - 09:34 AM (IST)

शिमला (अभिषेक): पीएच.डी. करवाने के लिए अधिकृत न होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश में स्थापित एक निजी विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को प्रवेश देने का मामला सामने आया है। प्रवेश देने के बाद उक्त निजी विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों ने पीएच.डी. कोर्स पूरा भी कर लिया। इसके बाद सभी ड्यूज देने के बाद भी विद्यार्थियों को पीएच.डी. की डिग्री न मिलने पर उन्होंने हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के समक्ष शिकायत की थी। नियामक आयोग के समक्ष सुनवाई के बाद सामने आया कि उक्त निजी विश्वविद्यालय पीएच.डी. करवाने के लिए अधिकृत नहीं था। 

दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद आयोग ने उक्त निजी विश्वविद्यालय को विद्यार्थियों की पूरी फीस हॉस्टल फीस सहित 12 प्रतिशत ब्याज सहित रिफंड करने के आदेश दिए हैं। आयोग के समक्ष सुनवाई पूरी होने के बाद आयोग ने ये आदेश जारी किए हैं। आदेशों में स्पष्ट किया है कि निजी विश्वविद्यालय प्रबंधन 20 नवम्बर तक प्रभावित विद्यार्थियों की पूरी फीस ब्याज सहित रिफंड करे। रिफंड करने के बाद निजी विश्वविद्यालय को संबंधित दस्तावेजों को आयोग के समक्ष पेश भी करना होगा। 

इसके अलावा नियामक आयोग ने उक्त निजी विश्वविद्यालय को चेतावनी भी दी है कि भविष्य में इस तरह से नियमों का उल्लंघन न करे। वहीं नियामक आयोग की ओर से मामले को लेकर जारी आदेशों में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान (रैगुलेटरी कमीशन) एक्ट/रूल्स में समय की बर्बादी व मानसिक तनाव होने पर कंपनसेशन (नुक्सान की भरपाई) का प्रावधान नहीं है। ऐसे में प्रभावित विद्यार्थी कंपनसेशन के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।


 

Ekta