निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावकों का मोर्चा

Friday, Apr 05, 2019 - 01:26 PM (IST)

कुल्लू (शम्भू प्रकाश): अब तक निजी स्कूलों की मनमानी की बातें तो होती थीं, लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाती थी। कुल्लू में हुई कार्रवाई से कई तरह के गोरखधंधों से पर्दा उठा है। डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल मौहल और कैम्ब्रिज इंटरनैशनल स्कूल में पुस्तकों और वर्दियों के भंडार सील किए जाने से अभिभावक भी खुलकर गोरखधंधे के संदर्भ में बातें करने लगे हैं। निजी स्कूलों के कारनामों से पर्दा उठने से सब हैरान हैं। स्कूलों के सेल डिपो बन जाने से अभिभावकों को परेशानी हो रही थी और साथ ही बाजार पर भी इसका असर हो रहा था। अभिभावकों को कई तरह से डराया-धमकाया भी जा रहा था, लेकिन अभिभावक स्कूल में पढ़ाई कर रहे अपने जिगर के टुकड़ों की खातिर चुप्पी साधे हुए थे। 

पता चला है कि कई स्कूलों ने धड़ाधड़ पुस्तकों और वर्दियों के भंडार खाली करवा दिए हैं। कइयों ने और स्टॉक मंगवाया था, लेकिन छापेमारी व कार्रवाई के खौफ से स्टॉक को रोक दिया गया है। प्रशासन ने भी दो-टूक कहा है कि यदि गोरखधंधा नहीं रुका तो कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। डी.सी. कुल्लू यूनुस के नेतृत्व में शिक्षा विभाग के निरीक्षण विंग व अन्य अधिकारियों द्वारा अमल में लाई गई इस कार्रवाई से लोग जहां खुश हैं वहीं अब खुलकर बोलने भी लगे हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अपने शिकायत पत्र जिला दंडाधिकारी और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भेज सकते हैं।

जिला ऊना के टाहलीवाल क्षेत्र के एक निजी स्कूल द्वारा कथित रूप से मनमानी फीस व अन्य सेवाओं में बढ़ौतरी के कारण वीरवार को अभिभावकों ने स्कूल में पहुंचकर रोष प्रदर्शन किया। अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि यदि बढ़ाई गई फीसों व अन्य चार्जिज को कम नहीं किया गया तो यह संघर्ष विकराल रूप धारण करेगा। अभिभावकों का आरोप है कि रिएडमिशन के स्थान पर अब सालाना खर्चा (एनुअल चार्ज) बनाकर लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। सोलन के एम.आर.ए. डी.ए.वी. स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों के आंदोलन के बाद कुछ मांगों को मान लिया है, लेकिन कुछ मांगों को मानने से इंकार कर दिया है। इसके तहत अब छात्रों को ऑनलाइन फीस जमा करवाने पर 250 रुपए अतिरिक्त (सर्विस चार्ज) के रूप में नहीं देने पड़ेंगे जो लोग 3 महीने की एक साथ फीस नहीं दे सकते उनके लिए हर महीने फीस जमा करवाने की ऑप्शन दी जाएगी।

मनमानी कर रहे स्कूलों की शिकायत भेजें

लोग प्रशासन को अपनी ओर से मनमानी कर रहे स्कूलों के संदर्भ में शिकायत भेज सकते हैं। शिकायतों पर कार्रवाई होगी। बिना सुविधाओं और बिना अनुमति के चले स्कूलों के संदर्भ में भी लोग प्रशासन को बताएं। स्कूलों को भी चेताया गया है कि वे मनमानी न करें और सही तरीके से शिक्षा दें। स्कूलों को दुकान न बनाएं।

स्कूलों से जवाबतलबी सही निर्णय : अभिभावक

अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ा रहे कुल्लू निवासी अभिभावकों रमन शर्मा, दिलीप ठाकुर, गोपाल सेठी, अतुल शर्मा, भुवनेश्वर शर्मा, अशोक ठाकुर, प्रवीण ठाकुर, राज कुमार, विवेक कुमार, ललित कुमार, राकेश मियां, कुंदन ठाकुर, लाल सिंह ठाकुर, तारा चंद व हेमंत ठाकुर सहित अन्यों ने कहा कि निजी स्कूलों की मनमानी पर शिकंजा कसना जरूरी है। इन लोगों ने डी.सी. कुल्लू द्वारा उठाए गए कदम को सही करार दिया और वर्दी व किताबों के भंडार को सील करने की कार्रवाई को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन बच्चों की पढ़ाई पर कम और दुकानदारी पर अधिक ध्यान दे रहे थे। इस प्रकार शिकंजा कसना बेहद जरूरी था। कई लोग इसी दुकानदारी के लिए स्कूल खोल रहे थे। अन्य खामियों पर भी स्कूलों को नोटिस जारी कर जवाबतलबी सही निर्णय है।

सभी जिलों में हो ऐसी कार्रवाई

कुल्लू के डी.सी. की कार्रवाई के सहाहना करते हुए प्रदेश के अन्य जिलों के अभिभावकों ने एक स्वर में ऐसी कार्रवाई सभी जिलों में करने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि प्रदेश के सभी जिलों में अधिकारी मनमानी कर रहे व स्कूलों के नाम पर दुकान चला रहे हैं। उनका कहना है कि स्कूलों पर इस प्रकार से छापेमारी होनी चाहिए ताकि सच सबके सामने आ सके। शिक्षा को कारोबार न बनने दिया जाए। कुछ अभिभावकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें पता है कि ऐसे कुछ स्कूलों को राजनीतिक संरक्षण भी हासिल है जिसके चलते ऐसी उम्मीद कम ही है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से लोगों की इस मांग पर ऐसी कार्रवाई सभी जिलाधिकारियों से करने के आदेश जारी करने की मांग भी की।

Ekta