निजी बस आप्रेटरों की सरकार को चेतावनी, मांगें नहीं मानीं तो इस दिन थम जाएंगे 3500 बसों के पहिए

Friday, Sep 07, 2018 - 07:01 PM (IST)

धर्मशाला: प्रदेश सरकार ने यदि निजी बस आप्रेटरों की मांगें नहीं मानीं तो प्रदेश भर में 10 सितम्बर को प्रदेश की छोटी-बड़ी 3500 निजी बसों के पहिए थम जाएंगे। यह निर्णय जिला कांगड़ा निजी बस आप्रेटर संघर्ष समिति द्वारा शुक्रवार को ए.डी.एम. मस्त राम भारद्वाज के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सौंपे गए मांग पत्र में लिया है। जिला कांगड़ा निजी बस आप्रेटर यूनियन संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रवीन दत्त शर्मा व अन्य बस आप्रेटरों ने बताया कि डीजल के मूल्यों में बहुत वृद्धि हुई है, जिससे आप्रेटरों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्होंने बताया कि दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे डीजल के दामों व अन्य पुर्जों के दामों से आप्रेटरों की देनदारियां बढ़ती जा रही हैं, जिससे आप्रेटर दिन-प्रतिदिन देनदारियों में फंसते जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 50 हजार की इंश्योरैंस अब लगभग 70 हजार में पहुंच गई है।

...तो होगी अनिश्चितकालीन हड़ताल
 उन्होंने बताया कि यदि सरकार निजी बस आप्रेटरों की मांगों को नहीं मानती है तो 10 सितम्बर को निजी बस आप्रेटर आंशिक हड़ताल पर चले जाएंगे और उसके बावजूद भी हमारी मांगे नहीं मानी गईं तो प्रदेश भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी जाएगी, जिसकी सारी जिम्मेदारी हिमाचल सरकार की होगी। इस मौके पर राजीव, अशोक, विकास, विजय, राहुल, हैप्पी, पवन, लक्की, रोहित, अमित आंनद, डिम्पी व अनु कटोच सहित अन्य निजी बस आप्रेटर मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

ये हैं मांगें
- प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम किराया 10 रुपए किया जाए।
- पिछली सरकार द्वारा जो गलत तरीके से ग्रीन टैक्स लगाया गया है, उसे तत्काल प्रभाव से वापिस लिया जाए।
- बस रूट परमिट पर 7 साल से पुरानी बस को इंटर न करने बारे लगाई गई कंडीशन को खत्म करना व कम से कम 10 साल पुरानी बस को रू ट परमिट पर इंटर किया जाए।
- पैट्रोल व डीजल की कीमतों में हो रही बढ़ौतरी को कम किया जाए।

Vijay