निजी बस ऑप्रेटरों का HRTC कर्मचारियों पर पलटवार

Monday, Sep 17, 2018 - 05:10 PM (IST)

शिमला (जय): प्रदेश में किराया बढ़ाने का मामला लगातर तूल पकड़ता जा रहा है। निजी बस ऑप्रेटरों ने निगम कर्मचारियों द्वारा दिए गए बयान को शर्मनाक बताते हुए कहा है कि खुद निगम ने 255 करोड़ का लोन लिया है जिसका ब्याज तक निगम प्रबंधन नहीं चुका पा रहा है जबकि निगम कर्मचारी किराया नहीं बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। शिमला शहरी निजी बस ऑप्रेटर यूनियन का कहना है कि निगम की टैक्सियों में अस्पताल आने वाले मरीजों से दो किलोमिटर का दस रुपए वसूला जा रहा है और इतना किराया वसूलने के वावजूद निगम का घाटा बढ़ता जा रहा है।

यूनियन का कहना है कि ऐसे में दोगली निती के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा नहीं हो सकती जबकि निगम कर्मचारी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की बात कह रहे हैं। शिमला शहरी निजी बस ऑप्रेटर यूनियन के प्रधान रोशन लाल ने कहा कि निगम में जे.एन.एन.यू.आर.एम. की बसों को केंद्र द्वारा अनुदान पर दिया गया और ऐसे में अनुदान पर मिली बसों को चलाने के बाद भी निगम का घाटा बढ़ता जा रहा है। यूनियन का कहना है कि बीते माह 25 तारीख को हुई बी.ओ.डी. की बैठक में किराया बढ़ाने को लेकर निगम प्रबंधन ने ही प्रस्ताव पास किया था जबकि निगम के कर्मचारी किराया ना बढ़ाने को लेकर सरकार और जनता को भी गुमराह करने का काम कर रहे हैं। निजी बस ऑप्रेटर यूनियन का कहना है कि सरकार ऐसे जुझे ब्यानों से बचकर सही रास्ता अपनाए और प्रदेश में डूबने के कगार पर खडी ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को बचाने के लिए ऑप्रेटरों की मांगो पर ध्यान दे।

Ekta