पांवटा में सड़क पर उतरे सैंकड़ों शिक्षक, पुरानी पैंशन योजना बहाल करने की उठाई मांग

Friday, Nov 29, 2019 - 08:30 PM (IST)

पांवटा साहिब (प्रेम वर्मा): पांवटा साहिब में पुरानी पैंशन योजना बहाल करने तथा 7वें वेतन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने की मांग को लेकर शुक्रवार को राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ पांवटा इकाई द्वारा रैली का आयोजन किया गया। यह रैली पांवटा इकाई के अध्यक्ष पूर्ण तोमर की अध्यक्षता में निकाली गई। यह रैली पांवटा स्कूल से शुरू होकर मेन बाजार से होते हुए मिनी सचिवालय पहुंची। इस दौरान सैंकड़ों शिक्षकों ने रैली में भाग लिया।

देश के 30 लाख से अधिक शिक्षकों का नेतृत्व करता है प्राथमिक शिक्षक संघ

पांवटा इकाई के अध्यक्ष ने बताया कि अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ देश के 30 लाख से अधिक प्राथमिक शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाला राष्ट्रीय स्तर पर एक मात्र शिक्षक संगठन है तथा संगठन से 25 राज्य संबंधित हैं जोकि विश्व स्तर पर 171 देशों के 3.5 करोड़ शिक्षकों का नेतृत्व करने वाले संगठन ‘एजुकेशन इंटर नैशनल’ से भी संबंधित है। यह संगठन जहां एक ओर अपने अधिकारों एवं शिक्षकों की समस्याओं के समाधान हेत प्रयासरत रहता है, वहीं दूसरी ओर बच्चों के सर्वांगीण विकास तथा गुणवत्तापूरक शिक्षा दिलाने हेतु सतत् प्रयत्नशील है।

वर्षों से पुरानी पैंशन बहाली के लिए प्रयास कर रहा संगठन

यह संगठन कई वर्षों से पुरानी पैंशन बहाली के लिए प्रयास कर रहा है क्योंकि नई पैंशन योजना शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए मात्र छलावा है। इससे शिक्षकों का सेवानिवत्ति के पश्चात जीवनयापन कठिन होगा। नई पैंशन योजना शिक्षकों एवं कर्मचारियों के जीवन में आर्थिक और समाजिक रूप से असुरक्षा और अनिश्चितता का निर्माण करती है। इसलिए प्राथमिक शिक्षा संघ पांवटा साहिब इसका पुरजोर विरोध करता है।

ये हैं संघ की मुख्य मांगें

संघ की मुख्य मांगों में नई पैंशन योजना तत्काल बन्द कर पुरानी पैंशन योजना सभी शिक्षकों के लिए लागू करना, 7वें वेतन आयोग की अनुशंसाओं को पूरे हिमाचल के शिक्षकों के लिए समान रूप से लागू करने, प्राथमिक सहायक अध्यापकों को 31 मार्च, 2020 से पूर्व नियमित कर समान वेतन सुनिश्चित करना व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 में शिक्षक विरोधी प्रावधानों को हटाना आदि शामिल है। पांवटा ब्लॉक शिक्षक संघ के अध्यक्ष पूर्ण तोमर ने बताया यदि सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती है तो शिक्षक मजबूर होकर उग्र आंदोलन करने से भी परहेज नहीं करेंगे।

Vijay