अब मंदिरों में भी ठेके पर रखे जाएंगे पुजारी, मंदिर के ट्रस्टी ने उठाए सवाल

Tuesday, Mar 19, 2019 - 02:51 PM (IST)

पालमपुर (मुनीष): कई विभागों में आऊटसोर्स व ठेकेदारी प्रणाली के तहत होने वाली नियुक्तियों को लेकर पहले से ही रोष चल रहा है, वहीं अब मंदिरों में भी पुजारी नियमित न होकर ठेकेदार के तहत एक साल के लिए रखने की नई पहल शुरू कर दी गई है। जिला कांगड़ा के प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां चामुंडा देवी से इसकी शुरूआत भी होने जा रही है। इसके लिए बाकायदा मंदिर प्रशासन ने अल्पकालिक कोटेशन सूचना जारी करके आवेदन मांगे हैं। ठेके पर रखे जा रहे पुजारियों को लेकर मंदिर ट्रस्ट के ही कुछ सदस्यों ने उंगली उठाना शुरू कर दी है। बाकायदा इस मसले को लेकर कुछ ट्रस्टी मुख्यमंत्री से भी मिलने जा रहे हैं। 

मंदिर न्यास के ट्रस्टियों का कहना है कि एक बड़े सिद्धपीठ में ऐसी नियुक्तियां किसी भी तरह से सही नहीं हैं। मंदिर अधिकारी श्री चामुंडा नंदीकेश्वर न्यास द्वारा मांगी गई इस कोटेशन में पुजारी व सहायक पुजारी के पद बाहरी स्त्रोत आधार पर भरने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। 5 मार्च को जारी इस कोटेशन सूचना में एक वर्ष के लिए प्रति माह के हिसाब से न्यास द्वारा इसके लिए आवेदन करने वाली किसी स्वयंसेवी संस्था, सोसायटी संबंधित कार्य में पंजीकृत फर्म व कंपनी को भुगतान किया जाएगा।

इस मंदिर में इसके तहत 2 पुजारी व 1 सहायक पुजारी का पद भरा जाएगा। इसके लिए 19 मार्च अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। मौजूदा समय में मंदिर में कोई पुजारी नहीं है। यहां मौजूद पुजारी फरवरी माह में सेवानिवृत्त हो गए हैं। उसके बाद से यहां आदि हिमानी चामुंडा मंदिर के पुजारी की सेवाएं ली जा रही हैं। अभी तक हिमाचल के प्रसिद्ध मंदिरों, शक्तिपीठों व सिद्धपीठों में स्थायी पुजारियों की नियुक्तियां होती आई हैं, ऐसे में आऊटसोर्स प्रथा से मंदिर में सुरक्षा पर सवाल खड़े हो सकते हैं।

Ekta