नगर निगम में चुनावी नगाड़ा बजने को तैयार

Thursday, Apr 13, 2017 - 12:22 AM (IST)

शिमला: नगर निगम में चुनावी नगाड़ा कभी भी बज सकता है। राज्य चुनाव आयोग की तैयारियां जोराशार से चल रही हैं। सरकार भी पूरी तरह से तैयार है। सी.एम. बेशक ई.डी. और सी.बी.आई. केसों से उलझन में हैं लेकिन बावजूद इसके वह निगम चुनाव को शांतिपूर्ण व प्रेमभाव से निपटाने का संदेश दे गए हैं। जिस तरीके से उन्होंने शहर में एक साथ एक दर्जन के आसपास करोड़ों के विकास कार्यों के शिलान्यास और उद्घाटन किए, उससे राजधानी शिमला की सियासत एक बार फिर से गरमा गई है। 5 दशक से अधिक समय से सियासत में सक्रिय मुख्यमंत्री ने वामपंथी नेताओं मेयर संजय चौहान व डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर की पीठ थपथपाई। इसके सियासी गलियारों में कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं।

‘वीरभद्र प्रेम’ या ‘वामपंथी प्रेम’
इससे कांग्रेसी पार्षदों और स्थानीय नेताओं के चेहरों की हवाइयां उड़ी हुई हैं। वे इसे वामपंथियों का ‘वीरभद्र प्रेम’ कह रहे हैं जबकि कई इसे मुख्यमंत्री का ‘वामपंथी प्रेम’ करार दे रहे हैं। मेयर और डिप्टी मेयर साये की तरह सी.एम. के साथ मौजूद रहे। वे माकपा नेता की नहीं बल्कि मेयर और डिप्टी मेयर की हैसियत से साथ-साथ मौजूद रहे लेकिन इनकी उपस्थिति कांग्रेसियों को भी नागवार गुजरी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नवबहार में इसका कुछ कांग्रेसियों ने विरोध तक किया तथा विरोध के स्वर मुख्यमंत्री तक पहुंचाए लेकिन उन्होंने इसे कोई तवज्जो नहीं दी। इसके बाद तो मानों कांग्रेसियों का गुस्सा अंदर ही अंदर सातवें आसमान पर जा पहुंचा। 

प्रेम भाव से लडऩे चाहिए नगर निगम के चुनाव 
मुख्यमंत्री ने टूटीकंडी में आयोजित कार्यक्रम में साफ तौर पर कहा कि सभी को मिलकर प्रेम भाव से नगर निगम के चुनाव लडऩे चाहिए। किसी के प्रति द्वेष की भावना नहीं रखी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नगर निगम शिमला ने 5 साल में विकास कार्यों के लिए बेहतरीन प्रयास किए हैं। कुल मिलाकर इस दौरान ओवरऑल डिवैल्पमैंट हुई है। उन्होंने जल संकट पर भी बात रखते हुए कहा कि पूरी दुनिया के सामने पानी का संकट है, इसलिए हमें पानी का संभल कर सदुपयोग करना चाहिए। उन्होंने शिमला में बेतरतीब ढंग से हो रहे निर्माण कार्यों पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने भूकंप के खतरों से भी आगाह किया।

डिप्टी मेयर ने किया गिरि पेयजल योजना का जिक्र
इस बीच मेयर और डिप्टी मेयर ने मौका और दस्तूर दोनों को भांपते हुए गिरि पेयजल योजना का भी जिक्र कर डाला। उन्होंने तर्क दिया कि किस प्रकार उन्होंने 4 करोड़ में ही लीकेज को रोका और शिमला के लिए 80 लाख लीटर अतिरिक्त पानी का बंदोबस्त किया। इस पर भी सी.एम. ने उन्हें शाबाशी दी। वैसे यह योजना विजीलैंस जांच के दायरे में है। उधर, एक जगह प्रोटोकॉल को दरकिनार कर वामपंथी नेताओं के रोकने के भी प्रयास किए गए लेकिन यह खुसर-फुसर से ज्यादा मामला आगे नहीं बढ़ पाया। 

शिलान्यासों और उद्घाटनों में हरीश जनारथा भी रहे मौजूद 
शिलान्यासों और उद्घाटनों के मौके पर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे हरीश जनारथा भी मौजूद रहे। जनारथा को मुख्यमंत्री का करीबी माना जाता है। वह पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष भी हैं। पिछले चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के सुरेश भारद्वाज और माकपा के टिकेंद्र पंवर से हुआ था। तब पंवर डिप्टी मेयर भी थे लेकिन भारद्वाज ने दोनों को मात दे दी थी। माकपा तीसरे नंबर पर लुढ़की थी। दूसरे स्थान पर जनारथा रहे थे। नगर निगम के चुनाव के बाद इस वर्ष के अंत तक विधानसभा के चुनाव भी होने हैं, इस कारण भी उक्त विकास कार्यों के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। 

भाजपा पार्षद शैलेंद्र चौहान की अनदेखी
ढली के पार्षद शैलेंद्र चौहान के वार्ड ढली में भी पार्किंग का शिलान्यास होना था। पूरी तरह से तैयारियां थीं लेकिन ऐन मौके पर मुख्यमंत्री का कार्यक्रम टल गया। वह ढली नहीं गए। इससे चौहान और उनके समर्थक सरकार से बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि राजनीतिक कारणों से उनके साथ भेदभाव हुआ है। पौने 4 करोड़ का शिलान्यास अब पता नहीं कब होगा? पार्षद को जुब्बल-कोटखाई के भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा का नजदीकी माना जाता है। उनका कहना है कि शिलान्यास न होने से ढली की पूरी जनता आहत है। 

अभी और भी होंगे शिलान्यास व उद्घाटन
शहर में विकास कार्यों के शिलान्यास और उद्घाटन और भी होने हैं। मेयर संजय चौहान का कहना है कि उन्होंने अब तक करीब 300 करोड़ के विकास कार्य करवाए हैं। 248 करोड़ का अमृत प्रोजैक्ट स्वीकृत करवाया। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि सरकार उन्हें निगम में खाली पड़े 749 पदों को भरने की इजाजत दे। निगम में बजट का पहले ही प्रावधान हो चुका है। जैसे ही मंजूरी मिलेगी, पद भरने की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी। स्टाफ के बगैर निगम का कामकाज प्रभावित हो रहा है वहीं रही-सही कसर चुनाव ड्यूटी ने पूरी कर दी है। इसमें निगम के करीब 55 कर्मचारियों की तैनाती की गई है। मेयर का दावा है कि उन्होंने शिमला का संतुलित विकास किया है। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया है। 

आज आएंगे भोरंज के नतीजे
भोरंज उपचुनाव के नतीजे वीरवार को घोषित होंगे। इस पर सभी की निगाहें लगी हुई हंै। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही जीत के दावे कर रही है। अब वीरवार का इंतजार है। यह भाजपा की परंपरागत सीट रही है। पार्टी को उम्मीद है कि अबकी बार भी वहां पर भगवा लहराएगा। इसे प्रदेश की सियासत का सैमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। भाजपा अगर इसे जीतती है तो फिर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। कांग्रेस का पंजा जीतता है तो सरकार को घेरने की विपक्ष की मुहिम को झटका लग सकता है। इस सीट के परिणाम आने के बाद दोनों ही दलों का ध्यान नगर निगम शिमला के चुनाव पर केंद्रित हो जाएगा।