इस शहर में अल्ट्रासाऊंड मशीनें लगाई पर गर्भवती महिलाओं के काम न आईं

Monday, Mar 12, 2018 - 02:23 PM (IST)

चम्बा : चम्बा में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर जिला के विभिन्न स्वास्थ्य खंडों में अल्ट्रासाऊंड मशीनें लगाई गईं। इस मशीनों में महज जिला मुख्यालय में स्थापित अल्ट्रासाऊंड मशीन ही कार्य कर रही है। शेष मशीनें लंबे अर्से से धूल फांक रही हैं। हैरान करने वाली बात है कि जिन क्षेत्रों में इन मशीनों को लगाया गया है वहां सरकार ने रेडियोलॉजिस्टों के पदों को भरने में कोई रुचि नहीं दिखाई है। यही वजह है कि लंबे समय से जिला की करीब साढ़े 5 लाख आबादी इस अल्ट्रासाऊंड सुविधा को प्राप्त करने के लिए पं.जवाहर लाल नेहरू मैडीकल कालेज चम्बा पर ही पूरी तरह से आश्रित है। यही वजह है कि लोगों को अगर अल्ट्रासाऊंड करवाना हो तो कई दिनों तक अपना नम्बर आने का इंतजार करना पड़ता है। 

अल्ट्रासाऊंड के माध्यम से निम्न बातों का लगाया जाता है पता
गर्भावस्था के पहले अल्ट्रासाऊंड के जरिए निम्न बातों का पता लगाया जा सकता है। एक से अधिक भ्रूण की उपस्थिति का पता लगाया जाता है। गर्भ की नियत तारीख भू्रण की उम्र का पता लगाया जाता है। बच्चे का स्वास्थ्य, प्लासेंटा का स्थान, बच्चे के चारों ओर एमनियोटिक द्रव की राशि, बच्चे की स्थिति व बच्चे के वजन आदि का पता लगाया जाता है।

विभाग विश्वास जीतने में असफल
 राजेश कुमार का कहना है कि बेहद अफसोस की बात है कि जिला चम्बा की महिलाओं को मां बनने के लिए अपनी जान खतरे में डालने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। 21 वीं सदी में भी जिला चम्बा गर्भवती महिलाओं को घरों में इसलिए प्रसव करवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है क्योंकि प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग महिलाओं का विश्वास हासिल करने में असफल रहा है। 

निजी क्लीनिकों का रुख कर रहे लोग
 मुनीष कुमार का कहना है कि इससे बड़ी शर्मनाक बात क्या हो सकती है कि अल्ट्रासाऊंड जैसी सुविधा को पाने के लिए लोगों को निजी क्लीनिकों की ओर रुख करना पड़ रहा है। जिला चम्बा जोकि गरीबी के मामले में 60 प्रतिशत आई.आर.डी.पी.व बी.पी.एल. लोगों से भरा पड़ा है। ऐसे में लोगों को इस सुविधा को प्राप्त करने के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ 
रही है।

स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बुरा
हरिंद्र सिंह का कहना है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिला चम्बा का हाल बुरा है। सरकारें अपनी पीठ इसलिए थपथपाती हैं कि उन्होंने चम्बा को मैडीकल कालेज दे दिया है लेकिन इस कालेज में भी लगी सी.टी. स्कैन की मशीन बंद पड़ी है। अल्ट्रासाऊंड की सुविधा भी चम्बा के इस सबसे बड़े अस्पताल में करीब एक साल तक उस समय बंद रही जब रेडियोलॉजिस्ट डा. सूर्या इस पद से सेवानिवृत्त हुए थे।