चंबा के गांव की शर्मनाक तस्वीर, 10KM का सफर तय कर गर्भवती महिलाओं को पहुंचाया जा रहा अस्पताल

Friday, Sep 13, 2019 - 12:25 PM (IST)

तुनुहट्टी (संजय): चंबा के एक गांव की शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। जहां 8 से 10 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाना पड़ रहा है। दरअसल भटियात क्षेत्र के दायरे में आने वाली ग्राम पंचायत तुनुहट्टी के कई गांव आजादी के 70 साल बाद भी सड़क सुविधा से महरूम हैं। इस पंचायत के सुनागर, लाडी व द्रवड़ी गांवों के लोगों को आज भी 8 से 10 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर सड़क तक पहुंचने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इन गांवों के लोगों की मुश्किलें तब बढ़ जाती हैं जब गांव में कोई गंभीर बीमार पड़ जाए अथवा गर्भवती महिला को प्रसव के लिए ले जाना पडे़। ऐसी स्थिति में उन्हें चारपाई या फिर पालकी के माध्यम से लगभग 10 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। इस समस्या से उक्त ग्रामीणों को पिछले कई साल से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में अगर उनके गांव सड़क सुविधा से जुड़ जाएं तो लोगों को इस प्रकार की परेशानी का सामना करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।  

ऐसा ही मामला बुधवार को गर्गेश कुमार निवासी लाडी की पत्नी का सामने आया जिसे गर्गेश ने प्रसव से 2 महीने पहले ही अपनी बहन के घर नैनीखड्ड में रखा था ताकि प्रसव पीड़ा के दौरान उसे अस्पताल ले जाने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। बुधवार को डल्हौजी अस्पताल में उक्त महिला का प्रसव होने के बाद उसे छुट्दी दे दी गई। ऐसे में गांव के लोगों ने उक्त महिला को पालकी में बिठाकर 7-8 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर उसे उसके घर पहुंचाया। लोगों गर्गेश कुमार, बुद्धि सिंह, मिट्ठू कुमार, सुनील कुमार, मनोहर लाल व भूरी सिंह निवासी लाडी व सुनागर का कहना है कि यह कोई नया मामला नहीं है बल्कि ऐसी परेशानियों का सामना करते हुए कई साल बीत गए हैं परंतु अभी तक उनके गांव सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाए हैं। 

उनका कहना है कि इस प्रकार की परेशानी को देखते हुए बहुत से लोग अपना गांव छोड़कर सड़क के पास किराए के मकान में रह रहे हैं और कई लोगों ने सड़क के पास अपने मकान बना लिए हैं लेकिन जो लोग गरीब हैं उन्हें मजबूरन ऐसी जगह रहना पड़ रहा है। यही नहीं, सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों को पेश आती है। उन्हें रोजाना घंटों पैदल सफर तय करके स्कूल व कॉलेज पहुंचना पड़ता है। यह परेशानी तब ज्यादा बढ़ जाती है जब नालों में पानी ज्यादा आ जाता है। लोगों ने सरकार व विभाग से आग्रह किया है कि उनकी इन परेशानियों को ध्यान में रखते हुए उक्त गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ा जाए ताकि उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े।  

Ekta