देवताओं ने की भविष्यवाणी, बाढ़-अग्निकांड से सचेत रहें लोग

Thursday, Feb 23, 2017 - 01:17 AM (IST)

मनाली: ऊझी घाटी में 42 दिनों के बाद स्वर्ग प्रवास से लौटे ऐतिहासिक गांव गौशाल के आराध्य देवों ने बुधवार को भविष्यवाणी की। देवताओं ने गूर के माध्यम से 2017 को सामान्य बताया है। कुमकुम व सेब के पत्ते निकलने से जहां ग्रामीण खुश दिखे, वहीं कोयला निकलने से एक बार फिर देवताओं ने आगजनी की घटना से आगाह कर दिया। स्वर्ग प्रवास से लौटे महर्षि गौतम, महर्षि व्यास व कंचन नाग द्वारा बुधवार को कुल्लू घाटी के सैंकड़ों लोगों की उपस्थिति में दुनिया भर में होने वाले घटनाक्रम से अवगत करवाया गया। पौ फटते ही ऐतिहासिक गांव देव वाद्य यंत्रों से गूंज उठा। अपने आराध्य देवों के स्वर्ग प्रवास से लौटने को लेकर उत्सुक ग्रामीणों व देवता के कारकूनों ने देव विधिपूर्वक देवता का स्वागत किया। 

बाल, पत्थर व कोयला निकलने से ग्रामीण चिंतित
दोपहर बाद देवता के कारकूनों ने देव वाद्य यंत्रों की धुन पर देव विधि से देव परंपराएं आरंभ कीं। कारकूनों व देवलुओं के देवालय में पहुंचते ही गौशाल गांव का माहौल भक्तिमय हो उठा। कारकूनों व पुजारियों द्वारा पूजा-अर्चना के बाद विधिपूर्वक मृदा लेप को हटाया गया। देवता के गुर व कारकूनों ने बर्फ  के बीच देव विधि को पूरा किया। मृदा लेप से जहां कुमकुम, सेब के पत्ते निकलने से ग्रामीण खुश हुए वहीं बाल, पत्थर व कोयला निकलने से ग्रामीण चिंतित भी दिखे।

वर्ष 2017 दुनिया के लिए सामान्य
देवता ने वर्ष 2017 दुनिया के लिए सामान्य बताया है। उन्होंने गूर के माध्यम से घाटी में सेब की फसल अच्छी होने की बात कही। देवता के कारदार हरि सिंह ने बताया कि कुल मिलाकर यह वर्ष सुखमयी रहेगा। उन्होंने बताया कि पत्थर व रेत कम मात्रा में निकला है जबकि कुमकुम व सेब के पत्ते अधिक निकले हैं जो सुखद है लेकिन आगजनी व बाढ़ की घटना से भी लोगों को सचेत रहना होगा। 

इस तरह हुई भविष्यवाणी
मृदा लेप से निकलने वाली वस्तु का देव समाज में अपना विशेष मतलब है। लोहड़ी के दिन देवलुओं ने मिट्टी छानकर पिंडी में मृदा लेप किया था लेकिन जब आज इस मिट्टी को हटाया गया तो उसमें अनेकों चीजें निकलीं।