बिना तैयारी किए ही प्रदेश में शुरू कर दीं प्री-नर्सरी कक्षाएं

Wednesday, Oct 24, 2018 - 08:51 AM (IST)

शिमला (प्रीति मुकुल): प्रदेश सरकार ने राज्य में बिना तैयारियों के ही प्री-नर्सरी कक्षाएं शुरू कर दी हैं। इसके लिए न तो सरकार ने स्कूलों को अलग से शिक्षक दिए और न ही स्कूलों में बच्चों के लिए बैठने की व्यवस्था की है। प्रदेश के कई प्राथमिक स्कूलों में पहली से 5वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए बैठने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। स्कूलों में कहीं 2 तो कहीं 3 कमरों में ये 5 कक्षाएं चल रही हैं। इसके साथ अब उन्हीं कमरों में स्कूल प्रशासन को प्री-नर्सरी कक्षाएं भी चलानी पड़ रही हैं। ऐसे में कई स्कूलों में इस दौरान एक कमरे में 3 कक्षाएं चल रही हैं। इससे शिक्षक भी परेशान हैं। सरकार के निर्देशों के अनुसार इन प्री-नर्सरी कक्षाओं को स्कूलों में कार्यरत जे.बी.टी. ही पढ़ा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 2 और 3 जे.बी.टी. ही तैनात हैं। इस दौरान जिन स्कूलों में केवल 2 ही शिक्षक हैं वहां शिक्षकों को दिक्कतेंपेश आ रही हैं। गौर हो कि बीते दिनों प्रदेश सरकार ने प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों का युक्तिकरण किया था। इस दौरान छात्रों की संख्या के अनुसार ही शिक्षकों की स्कूलों में तैनाती की गई थी। 

जिला शिमला के 391 स्कूलों में लगभग 2,100 बच्चों का दाखिला
जिला शिमला के 391 स्कूलों में लगभग 2,100 बच्चों का इस समय प्री-नर्सरी कक्षा में दाखिला हुआ है। यहां भी कई स्कूल आंगनबाड़ी के साथ अटैच किए गए हैं। इस दौरान कई स्कूलों में अलग से कमरा न होने पर प्री-नर्सरी कक्षा के बच्चों को दूसरे बच्चों के साथ बिठाया जा रहा है। छोटा शिमला प्राथमिक स्कूल में भी पर्याप्त कमरे न होने से नर्सरी कक्षा के छात्रों को चौथी व 5वीं कक्षा की संयुक्त रूप से ली जा रही क क्षा में बिठाया जा रहा है। यहां बच्चों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है। पहली कक्षा के बच्चों को बाहर खुले कमरे में बिठाया जाता है, जिसमें चारों ओर जाली लगाई गई है। ठंड में यहां छात्रों और शिक्षकों की दिक्कतें और बढ़ जाती हैं। स्कूल की शिक्षिका का कहना है कि पहले तो यह कमरा चारों तरफ  से खुला था, इसके बाद यहां यह जाली लगाई गई लेकिन ठंड में इन बच्चों का यहां बैठना मुश्किल होगा। इसके अलावा स्कूल में 2 कमरे हैं। अब स्कूल प्रशासन को इन कमरों में प्री-नर्सरी से लेकर 5वीं तक की कक्षाएं बैठानी होंगी। यही आलम दूसरे स्कूलों का भी है। 

सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन नहीं हुई जारी
प्राथमिक स्कूलों में प्री-नर्सरी कक्षाओं को शुरू करने के लिए अभी तक सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। हालांकि सरकार ने स्कूलों को आदेश दिए हैं कि वे 4 साल के बच्चे का ही दाखिला इन कक्षाओं में लें। इसके अलावा सरकार ने स्कूलों के लिए प्री-नर्सरी कक्षा का सिलेबस जारी किया है। इसके तहत शिक्षकों को उक्त कक्षा के नौनिहालों को भाषा विकास, बौद्धिक विकास, शारीरिक विकास, सामाजिक एवं भावनात्मक विकास व रचनात्मक विकास संबंधी क्रियाकलाप करवाने को कहा गया है। भाषा विकास में बच्चों के साथ गपशप, कविता, कहानी, पहेलियां, अभिनय व ध्वनियों की पहचान करवाने को कहा गया है। 

प्रदेश के 3,991 स्कूलों में 25,000 से ज्यादा छात्रों ने लिया प्रवेश
इस समय राज्य के 3,991 स्कूलों में लगभग 25,000 से ज्यादा छात्रों ने प्रवेश लिया है। प्रत्येक स्कूल में प्री-नर्सरी कक्षा में 5 या 6 छात्र हैं। इस दौरान कई स्कूलों के साथ सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्र भी अटैच किए हैं। ऐसे में जो बच्चे इस समय आंगनबाड़ी में आ रहे हैं, उनका दाखिला साथ के स्कूलों में करवाया गया है। इन स्कूलों में 12 बजे तक प्री-नर्सरी कक्षाएं चलती हैं। इसके बाद बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में वापस चले जाते हैं। 

Ekta