प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सामने आया गड़बड़झाला!

Monday, Sep 04, 2017 - 04:42 PM (IST)

बिलासपुर: बिलासपुर जिला में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में एक बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। जिला में इस बीमा योजना के तहत बैंकों ने जिला के सैंकड़ों किसानों के खातों से फसल बीमा की प्रीमियम राशि तो काट ली जो पूरे जिला में लाखों की बनती है लेकिन इन किसानों की फसलों का बीमा हुआ ही नहीं। हालांकि अब तक की जानकारी यह बताती है कि संबंधित बैंकों द्वारा इन मामलों में लापरवाही बरती गई है, वहीं प्रशासनिक स्तर पर इतनी बड़ी योजना की तैयारी ठीक से न करना व लाभार्थियों सहित इस योजना के क्रियान्वयन की सफलता सुनिश्चित करने वाले विभिन्न घटकों को ही योजना की शत-प्रतिशत जानकारी न होना भी इस गड़बड़झाले का प्रमुख कारण नजर आया है। 


इन किसानों को फसल के नुक्सान का कुछ मिलने वाला भी नहीं
अब कारण कोई भी हो इतना तो तय है कि किसान ठगे गए हैं। बीमे के प्रीमियम के रूप में ये किसान अपने पैसे भी गंवा चुके हैं ऊपर से बीमा न होने के कारण अब इन किसानों को फसल के नुक्सान का कुछ मिलने वाला भी नहीं है। यह गड़बड़झाला पिछले 1 वर्ष से अनवरत जारी है। पिछले वर्ष की मक्की की फसल व इस वर्ष की गेहूं तथा अब फिर मक्की की फसल के बीमे के पैसे किसानों के बैंक खातों से काटे गए लेकिन बीमा एक बार भी नहीं हुआ, ऐसे में यह यक्ष प्रश्न है कि आखिर क्या प्रशासन इस मामले में कोताही व लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगा?


कौन करेगा किसानों के लाखों के नुक्सान की भरपाई
इस गड़बड़झाले का खुलासा तब हुआ जब जिला के कुछ किसान भारी बारिश, तूफान व भूस्खलन से हुए अपनी मक्की की फसल के नुक्सान का आकलन करवाने की मांग को लेकर संबंधित बीमा कंपनियों के पास पहुंचे। इन किसानों को बीमा कंपनियों ने बताया कि उनका बीमा हुआ ही नहीं है। यह जानकर किसान सकते में आ गए। वे हैरान होने के साथ-साथ परेशान भी हैं कि अब उनके फसल के नुक्सान की भरपाई कौन करेगा क्योंकि उन्हें जानकारी यही थी कि उनकी फसल का बीमा बैंकों द्वारा किया गया है, वहीं ये किसान यह मांग भी कर रहे हैं इस फसल बीमा के नाम से उनके बैंक खातों से काटी गई बीमा प्रीमियम राशि उन्हें वापस दी जाए व इस योजना के संचालन में कोताही बरतने वाले बैंक या जिला प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाए क्योंकि उनकी गलतियों की वजह से किसानों का लाखों रुपए का नुक्सान हुआ है। 


कैसे हुआ गड़बड़झाला
जिला के अधिकतर किसानों ने किसान क्रैडिट कार्ड पर कृषि हेतु ऋण ले रखा है। इन ऋणों के विभिन्न बैंकों में खाते खुले हैं। संबंधित बैंकों द्वारा किसान कै्रडिट कार्ड के इन ऋण खातों से अपने आप ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रीमियम के पैसे काटे जा रहे हैं। किसानों की रबी या खरीफ की फसलों जैसे गेहूं, मक्की व धान का बीमा एग्रीकल्चर इंश्योरैंस कंपनी को सौंपा गया है व बैंकों को फसलों के बीमा प्रीमियम की राशि को किसानों के खातों से काट कर एग्रीकल्चर इंश्योरैंस कंपनी के खाते में जमा करवाना था लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। बैंकों से पैसे तो कटे लेकिन यह पैसा किसी गलती से एस.बी.आई. जनरल इंश्योरैंस कंपनी के खातों में पहुंच गया जिसके चलते किसानों की फसल का बीमा नहीं हुआ। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मक्की की फसल के बीमा की प्रीमियम राशि एग्रीकल्चर इंश्योरैंस कंपनी के पास जमा करवाने की अंतिम तिथि 31 जुलाई तय की गई थी लेकिन बैंकों द्वारा 17 अगस्त तक किसानों के खाते से फसल बीमा प्रीमियम राशि काटी जाती रही जो खुद में एक बहुत बड़ी अनियमितता व लापरवाही है।