सत्ता का सैमीफाइनल साबित हो सकते हैं नगर निगम चुनाव
punjabkesari.in Saturday, Jun 10, 2017 - 10:52 AM (IST)

शिमला: एम.सी. चुनाव कांग्रेस-भाजपा के लिए साख का सवाल बनते जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले हो रहे एम.सी. शिमला के चुनावों को सूबे की सत्ता के सैमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि प्रदेश में इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में एम.सी. शिमला के चुनाव के नतीजे खासकर शिमला शहरी विधानसभा हलके के चुनावी समीकरण को बिगाड़ सकते हैं। यही वजह है कि भाजपा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा सरीखे नेताओं को चुनाव प्रचार में उतार दिया है। भारतीय जनता पार्टी पहली बार टाऊन हाल पर भगवा फहराने का सपना देख रही है तो कांग्रेस उस सत्ता को कब्जाना चाहती है जिस पर उसने अढ़ाई दशक तक लगातार राज किया, वहीं माकपा को भी इन चुनावों में कम नहीं आंका जा रहा।
मोदी सरकार ने भी शिमला के साथ अन्याय किया
चुनावी नतीजों में यदि माकपा को कुछ सीटें हाथ लगती हैं तो मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में वामपंथियों का अहम रोल रहेगा। कांग्रेस को बाहर धकेल कर एम.सी. की सत्ता कब्जाने वाली माकपा 5 साल तक किए गए विकास कार्य के नाम पर जनता के बीच जा रही है। वामपंथी इन चुनावों में स्मार्ट सिटी को सबसे बड़ा मुद्दा बना रहे हैं। स्मार्ट सिटी के मुद्दे पर कांग्रेस इसलिए बैकफुट पर नजर आ रही है क्योंकि मौजूदा सरकार ने शिमला को स्मार्ट सिटी में शामिल करने की बजाय धर्मशाला को स्थान दिया है। माकपा नेता संजय चौहान ने कहा कि मोदी सरकार ने भी शिमला के साथ अन्याय किया है। उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान जनता स्मार्ट सिटी के मुद्दे पर कांग्रेस-भाजपा को खूब कोस रही है।
माकपा के पूरे 5 साल के कार्यकाल में जमकर हुआ भ्रष्टाचार
एम.सी. चुनाव के लिए भाजपा के सह प्रभारी महेंद्र धर्माणी ने बताया कि माकपा के पूरे 5 साल के कार्यकाल में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। पार्टी ने इसका काला चिट्ठा चार्जशीट के साथ राज्यपाल को दिया है। भाजपा पेयजल, भ्रष्टाचार, सीवरेज कनैक्टीविटी, सड़क व पार्किंग जैसे मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ रही है। उधर, कांग्रेस महासचिव नरेश चौहान ने माकपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि 5 वर्षों के दौरान शहर की जनता पानी व पार्किंग जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर परेशान रही है। इस बार जनता ने कांग्रेस को जिताने का मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने भी शहर की जनता के साथ स्मार्ट सिटी को लेकर धोखा किया है। इसका जवाब इन चुनावों में भाजपा को देना होगा।