15 घंटे बाद नाथपा झाकड़ी, रामपुर, भावा प्रोजैक्ट में बिजली उत्पादन शुरू

Sunday, Jul 29, 2018 - 11:16 AM (IST)

शिमला/रामपुर (हेटा/नोगल): एशिया की सबसे बड़ी भूमिगत नाथपा झाकड़ी विद्युत परियोजना सहित रामपुर और भावा प्रोजैक्ट में करीब 15 घंटे के बाद उत्पादन शुरू हो गया है। इससे हिमाचल समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में विद्युत संकट के बादल फिलहाल छंट गए हैं। 3 बड़ी परियोजनाओं के शुरू होने से सरकार ने राहत की सांस ली है। वहीं बसपा, गानवी और गिरि प्रोजैक्ट में दूसरे दिन शनिवार को भी उत्पादन ठप्प पड़ा हुआ है। अभी भी प्रदेश में क्षमता के हिसाब से करीब 500 मैगावाट कम बिजली पैदा हो रही है, लेकिन प्रदेश की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में बिजली मौजूद है। बीते शुक्रवार को किन्नौर में बादल फटने के बाद सतलुज नदी में सिल्ट आ गई थी। 


नदी में अचानक जल स्तर बढऩे के बाद इस नदी पर चल रहे आधा दर्जन प्रोजैक्ट में उत्पादन ठप्प हो गया था। इस तरह प्रदेश में करीब 3000 मैगावाट बिजली की कमी हो गई थी। इस वजह से बिजली बोर्ड को शुक्रवार देर रात मजबूरन प्रदेश के ज्यादातर उद्योगों में रात के वक्त विद्युत कट लगाने पड़े। इससे उद्योगों में रातभर काम ठप्प रहा। इसके बाद सरकार ने करीब 600 मैगावाट बिजली बाहरी राज्यों से खरीदकर उपभोक्ताओं को सप्लाई की।


राहत की बात यह है कि शनिवार को सतलुज में सिल्ट छंटते ही विद्युत उत्पादन शुरू कर दिया गया है और बाहरी राज्यों से बिजली की खरीद बंद कर दी गई। इन प्रोजैक्टों के बंद होने के कारण सरकार व पावर डिवैल्पर को कई करोड़ों की हानि उठानी पड़ी है। मौसम विभाग ने 31 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी दे रखी है। ऐसे में तेज बारिश की वजह से विद्युत उत्पादन फिर से प्रभावित हो सकता है। भारी बारिश के कारण नदी-नालों में सिल्ट आ जाती है। सिल्ट और जल स्तर बढऩे पर मजबूरन विद्युत उत्पादन रोकना पड़ता है। 


किस प्रोजैक्ट की कितनी उत्पादन क्षमता?
1500 मैगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता के नाथपा झाकड़ी प्रोजैक्ट में दोपहर बाद पूरा उत्पादन शुरू कर दिया गया। इसी तरह 412 मैगावाट क्षमता की रामपुर परियोजना और 120 मैगावाट के भावा प्रोजैक्ट में क्षमता के मुताबिक उत्पादन शुरूहो गया है।

Ekta