बिजली कनैक्शन कटा तो नए सिरे से लेना होगा कनैक्शन
Wednesday, Sep 25, 2019 - 10:57 AM (IST)
पालमपुर (भृगु) : यदि आपने बिजली बिल की अदायगी नहीं की है तो तुरंत करें अन्यथा यदि स्थायी रूप से कनैक्शन कटता है तो नए सिरे से सारी कवायद कनैक्शन लेने के लिए करनी होगी। यदि कनैक्शन अस्थायी रूप से कटता है तो रि-कनैक्ट करने के लिए पहले की अपेक्षा 6 गुणा अधिक पैनल्टी चुकानी होगी। उपभोक्ताओं के पास पैसा फंसा देख विद्युत परिषद लिमिटेड ने यह निर्णय लिया है।
पहले स्थायी रूप से कनैक्शन कटने से 6 माह की अवधि के भीतर पुरानी फाइल पर ही कनैक्शन की बहाली निर्धारित पैनल्टी लेकर कर दी जाती थी परंतु अब इस नियम में परिर्वतन किया गया है। ऐसे में टी.सी.पी. के दायरे में आने वाले उपभोक्ताओं को न केवल नगर नियोजन विभाग के एन.ओ.सी. लेने पर कटे कनैक्शन के स्थान पर नया कनैक्शन लेना होगा। यही औपचारिकताएं स्थानीय निकाय के दायरे में रह रहे उपभोक्ताओं को भी पूरी करनी होगी।
विद्युत बिल की अदायगी न करने पर विभाग द्वारा अस्थायी रूप से कनैक्शन काटे जाने की सूरत में अब पुन: कनैक्शन बहाल करवाने के लिए 250 रुपए की धनराशि उपभोक्ता को जमा करवानी होगी जबकि मात्र 40 रुपए ही उपभोक्ता को जमा करवाने होते थे।
बड़े विभाग भी डिफाल्टर सूची में
विद्युत उपमंडल पंचरुखी के अंतर्गत उपभोक्ताओं के पास लगभग 40 लाख रुपए की धनराशि फंस गई है। इनमें से अधिकांश धनराशि सरकारी विभागों के पास फंसी पड़ी है। विभागीय जानकारी अनुसार 3936814 रुपए की लंबित अदायगी में से 2122149 रुपए की धनराशि अकेले सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा जमा करवाई जानी है। यह धनराशि विभाग की पेयजल योजनाओं आदि से जुड़ी बताई जा रही है जबकि सलियाणा छिंज कमेटी से 131522, खंड विकास कार्यालय अधिकारी पंचरुखी से 80868, लोक निर्माण विभाग पंचरुखी 27339 तथा बी.एस.एन.एल. से 79933 रुपए की अदायगी लंबित पड़ी है। सात विभाग स्थायी रूप से विद्युत परिषद की डिफाल्टर लिस्ट में लंबे समय से बने हुए हैं।
नियमों के फेर में घरेलू उपभोक्ता, सरकारी उपभोक्ता को छूट
65 घरेलू एवं व्यावसायिक उपभोक्ताओं से विभाग ने 280152 रुपए की धनराशि उगाहने के लिए नोटिस जारी किए हैं। इन उपभोक्ताओं को अस्थायी रूप से कनैक्शन काटे जाने के नोटिस जारी किए हैं जबकि विडंबना यह है कि विद्युत परिषद के नियम यह कहते हैं कि सरकारी विभागों को नोटिस जारी नहीं किए जा सकते। ऐसे में मात्र पत्राचार ही लंबित अदायगी प्राप्त करने के लिए किया जाता है।