पावर कंपनियों-औद्योगिक घरानों की मदद से खुलेंगे नशा मुक्ति केंद्र

Thursday, Sep 13, 2018 - 12:04 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): युवाओं में बढ़ती नशे की लत को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने पावर कंपनियों और औद्योगिक घरानों की मदद से नशा मुक्ति केंद्र खोलने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देश पर पहले चरण में 4 नशा मुक्ति केंद्रों को खोले जाने का प्रस्ताव है। इसके लिए सरकार सतलुज जलविद्युत निगम तथा राष्ट्रीय जलविद्युत निगम के अलावा बड़ी पावर कंपनियों के समक्ष प्रस्ताव रखेगी। इसके संचालन के लिए कोष का गठन भी किया जाएगा, जिसमें पावर कंपनियों के अलावा औद्योगिक घरानों के भी सहयोग करने का प्रस्ताव है। 

उल्लेखनीय है कि राज्य में बीते 6 माह में 1,000 से अधिक लोगों को एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत हिरासत में लिया गया है। इस तरह करीब 800 मामलों को पुलिस ने इस अवधि में दर्ज किया है। राज्य में चिट्टा जैसे घातक नशे के मामलों में युवाओं की संलिप्तता बढ़ी है। कुछ मामलों में महिलाओं की संलिप्तता भी पाई गई है। सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में करीब 27 फीसदी युवा नशे का सेवन करते हैं। इस तरह बड़े पैमाने पर नशे का कारोबार बढऩे के कारण सभी पुलिस थानों के दायरे में नशा निवारण समितियों के गठन के निर्देश दिए गए हैं। नशे को रोकने के लिए नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टांसिस एक्ट को और अधिक सख्त बनाने पर भी सरकार विचार कर रही है।

राज्यपाल ने भी छेड़ा अभियान
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भी अपने स्तर पर इसके खिलाफ अभियान को चला रखा है, जिसमें पुलिस व प्रशासनिक स्तर पर उन्होंने बैठकें भी की हैं। उनकी तरफ से ली गई एक बैठक के दौरान राज्य में करीब 100 टन चरस व 20 टन अफीम का कारोबार होने का अंदेशा जताया गया था। इसके अलावा एक रिपोर्ट के हवाले से यह भी बताया गया कि 82.5 फीसदी घरों में सिगरेट पी जाती है।

Ekta