बिजली बोर्ड के मृतक कर्मियों के आश्रितों को जल्द मिलेगी नौकरी!

Tuesday, Jul 04, 2017 - 11:19 AM (IST)

शिमला: राज्य बिजली बोर्ड के मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को सरकार जल्द राहत प्रदान कर सकती है। करुणामूलक आधार पर नौकरी को लगाई गई सालाना 1.50 लाख रुपए की शर्त को विद्युत बोर्ड हटा सकता है। कर्मचारियों की इस मांग को बिजली बोर्ड पहले ही मान चुका है लेकिन अब अधिसूचना जारी होने का इंतजार हो रहा है। ऐसे में अगर करुणामूलक नौकरी को लगाई गई सालाना आय में पैंशन की राशि को जोड़ने की शर्त हटा दी जाती है तो इससे करीब 750 मृत कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी मिलेगी। सूचना के मुताबिक बीते वर्षों के दौरान बिजली बोर्ड में करीब 950 कर्मचारियों की मौत ड्यूटी के दौरान, सड़क दुर्घटना या फिर बीमारी के कारण हुई है।


करुणामूलक आधार पर नौकरी का मामला बोर्ड के स्तर पर विचाराधीन
काम करते वक्त मरने वालों के आश्रितों को नौकरी देने का बोर्ड ने पहले ही प्रावधान कर लिया है लेकिन जिन कर्मचारियों की मौत सड़क दुर्घटना या फिर बीमारी के कारण हुई है, उनके आश्रितों को 1.50 लाख सालाना आय की शर्त के कारण नौकरी नहीं मिल पा रही। इस शर्त के हट जाने से मृतकों के आश्रितों को नौकरी का सहारा मिलेगा। वहीं राज्य विद्युत बोर्ड के एम.डी. पी.सी. नेगी के मुताबिक करुणामूलक आधार पर नौकरी का मामला अभी बोर्ड के स्तर पर विचाराधीन है जबकि काम करते वक्त मरने वाले कर्मियों के आश्रितों को नौकरी का प्रावधान 3 माह में कर दिया गया है।


काम करते वक्त मरने वालों के आश्रितों को 3 माह में नौकरी
विद्युत लाइन पर काम करते वक्त जिन कर्मचारियों की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है, उनके परिजनों को 3 माह के भीतर नौकरी देने का बिजली बोर्ड प्रावधान कर चुका है। इस संबंध में बिजली बोर्ड ने 20 दिन पहले ही अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना जारी होने के बाद बिजली बोर्ड ने भी तत्परता दिखाते हुए सभी जिलों से ऐसे आश्रितों के दस्तावेज नौकरी के लिए मांग लिए हैं। काम करते वक्त मरने वाले कर्मियों की संख्या 90 बताई जा रही है। ऐसे कर्मियों के आश्रितों को बोर्ड 90 दिन के भीतर नौकरी देने के दावे कर रहा है।