पोस्ट कोड 556 JOA (आई.टी.) मामला: गुस्साए अभ्यर्थियों ने अनिश्चितकालीन धरने का किया ऐलान

Thursday, Jan 24, 2019 - 11:10 AM (IST)

हमीरपुर (ब्यूरो): पोस्ट कोड 556 के तहत जूनियर ऑफिस असिस्टैंट (आई.टी.) के अंतिम नतीजे की भर्ती प्रक्रिया पिछले 9 महीनों से लंबित है। आयोग की ओर से बार-बार के आश्वासनों से थक-हारकर इस बार अभ्यर्थियों ने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का फैसला लिया है। 28 जनवरी से दोबारा आयोग कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू करने का नाराज अभ्यर्थियों ने ऐलान किया है। इससे पहले भी दिसम्बर माह में अभ्यर्थियों ने 6 दिन तक धरना-प्रदर्शन किया था। उनका कहना है कि अंतिम नतीजे को निकालने में चयन आयोग आनाकानी कर रहा है। हालांकि किसी भी कोर्ट से इस भर्ती प्रक्रिया पर कोई भी स्टे नहीं है मगर आयोग अभी तक इस मामले में निष्क्रिय बना हुआ है। 

अभी हाल ही में कुछ अभ्यर्थियों ने ट्रिब्यूनल के माध्यम से चयन आयोग को उच्च योग्यता धारकों को चयन प्रक्रिया में शामिल न करने के लिए एक लीगल नोटिस भेजा था लेकिन उसके तुरंत बाद ही कुछ अभ्यर्थी ट्रिब्यूनल के आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट में चले गए और माननीय हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय ट्रिब्यूनल के उक्त फैसले पर रोक लगा दी थी और योग्य उम्मीदवारों का चयन करने के लिए चयन आयोग को कहा था। आदेश की कॉपी मिलने के बावजूद 21 दिन से भी अधिक का समय बीत गया है मगर माननीय आयोग का रवैया वैसे ही बरकरार है।

अभ्यर्थियों में रोष है कि चयन आयोग अंतिम परिणाम को लेकर बिल्कुल भी संजीदा नहीं है और अभी भी कार्मिक विभाग से पत्राचार करने में व्यस्त है जबकि आयोग ने लीगल नोटिस पर जवाबी कार्रवाई करते हुए उक्त मामले में प्रतिउत्तर के लिए 22 दिसम्बर, 2018 को संबंधित फाइल को कार्मिक विभाग और विधि विभाग में भेजा था लेकिन 1 महीने से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद कार्मिक विभाग की तरफ से जवाब नहीं मिल पाया है। बता दें कि इस मामले में माननीय हाईकोर्ट की तरफ से नवीनतम आदेश भी प्राप्त हो चुके हैं लेकिन आयोग अभी भी टालमटोल की मुद्रा में है।

सताने लगा चुनाव आचार संहिता लागू होने का डर

अभ्यर्थियों का कहना है कि एक तरफ माननीय आयोग पोस्ट कोड 721 में हाईकोर्ट से आए आदेश पर त्वरित कार्रवाई करता है, वहीं दूसरी ओर जे.ओ.ए. (आई.टी.) पोस्ट कोड 556 में आए आदेश को नजरअंदाज कर रहा है। मामले की पेचीदगी को देखते हुए अभ्यर्थियों को यह भी डर सता रहा है कि प्रदेश में बहुत जल्द चुनाव आचार संहिता प्रभावी तौर से लागू हो जाएगी और उनकी नियुक्तियां लटक जाएंगी। प्रदेश के विभिन्न जिलों से बेरोजगार अभ्यर्थियों ने मांग की है कि अंतिम नतीजे को माननीय आयोग जल्द जारी करे।
 

Ekta