बरसात में इस परिवार पर टूटा मुसीबतों का ''पहाड़'', अब जानवरों के साथ रातें काट रहा

Tuesday, Aug 13, 2019 - 11:37 AM (IST)

घुमारवीं : घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली ग्राम पंचायत डंगार के गांव सौड़ी का एक परिवार पालतू जानवरों के साथ रातें काटने को मजबूर है। इस परिवार का आशियाना बीते वर्ष बरसात के दिनों में गिर गया था। इस परिवार का मुखिया संतोखा राम पुत्र साध राम है। संतोखा राम के परिवार में उनकी धर्मपत्नी सत्या देवी, बेटी कमलेश व बेटा सतपाल है। यह परिवार अनुसूचित जाति से संबंध रखता है तथा बी.पी.एल. श्रेणी में आता है। संतोखा राम ने बताया कि बीते वर्ष बरसात में उनका मकान गिर गया था। मकान के गिर जाने से परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। उन्होंने बताया कि उसने अपने परिवार को साथ वाले जर्जर मकान में शिफ्ट कर दिया लेकिन यह मकान भी गिरने की कगार पर है।

उन्होंने बताया कि मकान गिरने की सूचना संबंधित पंचायत तथा राजस्व विभाग को दे दी गई लेकिन मौका देखने के लिए कोई भी व्यक्ति नहीं आया। उन्होंने बताया कि जनवरी, 2019 में वह स्थानीय विधायक राजेंद्र गर्ग से मिले, तब जाकर एस.डी.एम. घुमारवीं के माध्यम से एक तिरपाल तथा 10,000 रुपए की राशि प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि विधायक राजेंद्र गर्ग ने उन्हें आश्वासन दिया था कि मकान निर्माण के लिए वह हरसंभव सहायता करेंगे लेकिन 7 महीने गुजर जाने तक अभी तक प्रशासन की ओर से मकान निर्माण के लिए कोई भी राहत राशि प्रदान नहीं की गई। संतोखा राम ने बताया कि उनके पास कुल अढ़ाई बीघा जमीन है। इस जमीन में होने वाली फ सल को बेसहारा पशु, बंदर व सूअर बर्बाद कर देते हैं। जीवन यापन का कोई भी साधन नहीं है।

उन्होंने बताया कि उनका बेटा सतपाल बद्दी में प्राइवेट नौकरी करता है लेकिन प्राइवेट सैक्टर में चंद रुपए मिलने के कारण यह परिवार अपना आशियाना नहीं बना सकता है। उन्होंने बताया कि आजकल बरसात के दिनों में उनके परिवार को इस जर्जर मकान के अंदर जाने से भी डर लगता है। उन्होंने बताया कि यह जर्जर मकान कभी भी गिर सकता है, जिस कारण उनका परिवार इस जर्जर मकान की दहलीज तक नहीं लांघता है। उन्होंने बताया कि आंगन में जो उन्होंने तिरपाल लगाकर एक झुग्गी बना रखी है, उसी में उनका परिवार बकरियों के साथ रातें गुजारने को मजबूर है। संतोखा राम का कहना है कि वह नहीं जानते कि अनुसूचित जाति तथा निर्धन परिवार के लिए सरकार की ओर से क्या-क्या योजनाएं चलाई गई हैं।

उनका कहना है कि योजनाएं तो होंगी लेकिन स्थानीय नुमाइंदे उन कल्याणकारी योजनाओं की परिभाषा तक गरीब परिवारों को नहीं बताते। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि उनके निर्धन परिवार को समय रहते राहत प्रदान की जाए अन्यथा इस परिवार के जीवन का कोई अर्थ ही नहीं है। इस बारे में ग्राम पंचायत डंगार की प्रधान राजो देवी का कहना है कि उनकी पंचायत में 2 ही परिवार ऐसे बचे हैं, जिनके पास रहने के लिए मकान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि संतोखा राम का नाम आवास योजना के तहत डाला गया है। उन्होंने कहा कि दोनों भाइयों का आपस में जमीनी विवाद चल रहा है।

kirti