बल्लियों के सहारे जयराम का सिस्टम, मंत्री के गृह जिला में देखिए कितनी दुर्दशा में रह रहे गरीब

Wednesday, Sep 25, 2019 - 01:15 PM (IST)

ऊना (विशाल) : भले ही मोदी सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2022 तक देश के हर आवासविहीन परिवार का आवास बनवाने का दावा कर रही हो लेकिन आज भी जागरुकता के अभाव एवं विभागीय कुप्रबंधन के चलते कई पात्र एवं गरीब लोग इस योजना के लाभ से वंचित हैं।

ताजा मामला ऊना के टक्का वार्ड में सामने आया है। यहां एक विधवा बुजुर्ग अपने परिवार के स्दसयों के साथ टूटे हुए मकान और टपकती छत के नीचे रहने को मजबूर है। और तो और टूटे हुए घर की छत तो टिकाए रखने के लिए लकड़ियों का आसरा दिया गया है। इस विधवा की मदद के लिए आज तक कोई मददगार सामने नहीं आया है। हर रात यह परिवार इसी डर के साय में सोता है कि अब मकान गिरा तब मकान गिरा। गांव टक्का में रहने वाली केसरो देवी के परिवार को 12 साल पहले बी.पी.एल. की सूची में  शामिल तो कर लिया गया लेकिन आवास योजना का लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है।

टक्का के वार्ड नंबर 3 की निवासी बुजुर्ग केसरो देवी अपने पुत्र गुरनाम सिंह काकू, उसकी पत्नी सुरजीत कौर, पोते आयुष और पोती शिवानी के साथ एक टूटे हुए घर में रहती है। हालात यह हैं कि हल्की बारिश होने पर मकान के अंदर पानी रिस आता है और यहां वहां जमा हो जाता है। कमरे में दरारें आ चुकी हैं और छत्त का काफी हिस्सा गिर भी चुका है। बरामदे की छत को टिकाए रखने के लिए बल्लियों का सहारा दिया गया है ताकि छत टिकी रहे। कमरे के अंदर भी कई जगहों से दरारे आ चुकी हैं। कई साल पहले बनाए इस मकान की उपरी मंजिल काफी अर्से पहले ही ध्वस्त हाु चुकी है जबकि नीचे का कमरा और बरामदा भी गिरने की कगार पर है।

केसरो देवी के परिवार को 2007 में बी.पी.एल. परिवार में चयनित किया गया था और उसके बाद से काफी बार उन्होंने पक्के मकान के लिए आर्थिक मदद को पंचायत के मार्फत अप्लाई किया था लेकिन अब तक उन्हें कोई भी सरकारी मदद मुहैया नहीं हो पाई है। केसरो देवी का बेटा हलवाई का कार्य करता है जबकि पोता 8वीं कक्षा तो पोती 10वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही है। जैसे-तैसे करके यह परिवार मुसीबत झेलते हुए गुजर बसर कर रहा है। मकान को रिसने से बचाने के लिए तिरपाल से छत ढकी गई है लेकिन फिर भी बारिश होने पर पानी अंदर रिसता है।

केसरो देवी के मुताबिक उन्होंने काफी बार मकान के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाई है लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। हर रात इसी डर के साय के बीच गुजरती है कि अब मकान गिर जाएगा। छोटे बच्चों सहित पूरे परिवार को खतरे के साए में जीना पड़ रहा है। 3 साल पहले विधवा पैंशन लगी है जिससे कुछ आसरा हुआ है। पंचायत प्रधान वीरेन्द्र कुमार के मुताबिक यह परिवार वाकई में मुसीबत में चल रहा है। पंचायत द्वारा इसका केस बनाकर केंद्र को भेजा गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत इस परिवार को आर्थिक मदद मुहैया करवाने के प्रयास किया गया है और वहां से स्वीकृति मिलने पर आगामी कदम उठाए जाएंगे।

Edited By

Simpy Khanna