खतरनाक स्तर पर पहुंचा हिमाचल की राजधानी शिमला का प्रदूषण लेवल

Friday, Jun 15, 2018 - 12:44 AM (IST)

शिमला: प्रदेश के कई शहरों में वायु प्रदूषण मई माह के दौरान खतरनाक स्तर को पार कर गया है। दुनियाभर में स्वच्छ आबोहवा के लिए मशहूर हिमाचल की राजधानी शिमला के प्रदूषण में भी चार गुना तक की बढ़ौतरी दर्ज की गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मानें तो प्रदूषण का स्तर 26 मई को रेस्पीरेबल सस्पेन्डिड पर्टिकुलर मैटर (आर.एस.पी.एम.) 475 माइक्रो ग्राम तक पहुंच गया था जबकि यह 100 से ज्यादा नहीं होना चाहिए। मई माह के ज्यादातर दिनों में आर.एस.पी.एम. लेवल 100 माइक्रो ग्राम से ज्यादा दर्ज किया गया। 25 मई को यह 175 माइक्रो ग्राम था। पूरे मई में औसत आर.एस.पी.एम. 108 माइक्रो ग्राम रहा जबकि आमतौर पर शिमला में यह 50 से 90 माइक्रो ग्राम के बीच रहता है। इस बार आर.एस.पी.एम. बढऩे की मुख्य वजह फोरैस्ट फायर और ज्यादा वाहनों की आवाजाही माना जा रहा है।


मई में 1500 से ज्यादा वन अग्नि के मामले
मई माह में शिमला शहर व साथ लगते जंगलों में ही 120 से ज्यादा घटनाएं वन अग्नि की सामने आई थीं। प्रदेशभर में 1500 से ज्यादा वन अग्नि के मामले मई में ही सामने आए। आर.एस.पी.एम. का अधिक होना पर्यावरण वैज्ञानिकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए भी ङ्क्षचता का कारण है। इस कारण खासकर अस्थमा के मरीजों को ज्यादा मुश्किलें होती हैं। प्रदेश में 66 फीसदी से अधिक क्षेत्र में जंगल होने के बाद भी एयर क्वालिटी गिरना अच्छा संकेत नहीं है।


अन्य शहरों में भी बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर
शिमला के अलावा बद्दी, नालागढ़, कालाअंब व पांवटा साहब में मई के आखिरी सप्ताह में कुछ दिनों के दौरान प्रदूषण का स्तर 230 माइक्रो ग्राम पार कर गया है।

Vijay