भाजपा-कांग्रेस दिग्गजों के धर्मशाला दौरों से चढ़ा धर्मशाला का सियासी पारा

Friday, Mar 05, 2021 - 11:26 AM (IST)

धर्मशाला (तनुज) : नगर निगम धर्मशाला के चुनावों की रणनीति बनाने को लेकर दिग्गज पार्टियों के शीर्ष नेताओं की बैठकों से धौलाधार की तलहटी में बसे शहर का सियासी पारा चढ़ गया है। सत्तासीन पार्टी के प्रदेश सहित केंद्रीय पदाधिकारी की धर्मशाला में राज्य स्तरीय बैठक चुनाव से पहले सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बनी है, वहीं कांग्रेस द्वारा पर्यवेक्षकों की तैनाती तथा एकजुटता दिखाते हुए आयोजित हुई मीटिंग ने सत्तासीन पार्टी को चुनावों को लेकर चुनौती दे दी है। वीरवार को धर्मशाला में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की अगुवाई में टिकटार्थियों तथा वार्डों में तैनात को-ऑर्डिनेटर्स के साथ हुई बैठक के दिन ही विपक्ष ने भी मोर्चा संभालते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं  को एकजुट करते हुए वार्डों में पर्यवेक्षकों की तैनाती कर दी। कांगे्रस की वीरवार को धर्मशाला में हुई बैठक भी नगर निगम चुनावों को लेकर अहम मानी जा रही है। इसमें गुटबाजी करने वालों को साफ तौर पर पार्टी से बाहर निकालने के संकेत दिए गए हैं। नगर निगम धर्मशाला के चुनावों को लेकर दोनों ही पार्टियां कोई भी रिस्क लेने को तैयार नहीं हैं। पार्टी में टिकट तलबगारों की लंबी सूची सामने आने के बाद भी पार्टियां डैमेज कंट्रोल करने को लेकर अपने कार्यकत्र्ताओं को एकजुटता तथा पार्टी सर्वोपरि का मंत्र दे रहे हैं। पार्टी की तरफ से आधिकारिक तौर पर अपने-अपने मुख्य प्रत्याशियों की घोषणा करने से पहले अन्य टिकट तलबगारों के बीच समन्वय स्थापित करने को लेकर भी प्रक्रिया आरंभ की गई है।

मजबूत प्रत्याशी के चयन को शुरू की प्रक्रिया

धर्मशाला नगर निगम चुनावी रण में मजबूत प्रत्याशी के चयन को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने प्रक्रिया आरंभ कर दी है। भले ही पार्टी के पास टिकटार्थियों की लंबी सूची पहुंची है, लेकिन जिताऊ उम्मीदवारों के चयन को लेकर दोनों पार्टियां रिस्क नहीं ले रही है। आखिरी समय में उम्मीदवार की घोषणा करने से पहले टिकट चाहवानों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा। इसके लिए पर्यवेक्षक भी अहम भूमिका निभाएंगे। वार्ड में किस टिकटार्थी की कितनी पकड़ है, इन सब बिंदुओं पर पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट मायने रखेगी।

जिला परिषद से भी सीख लेंगी पार्टियां

नगर निगम चुनाव में सत्ता तथा विपक्ष की पार्टियां कांगड़ा जिला परिषद की सरदारी को हुए चुनावों से भी सीख लेते हुए हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही हैं। जहां सत्तासीन पार्टी के दावों के बावजूद क्रॉस वोटिंग का सामना करना पड़ा था, वहीं विपक्ष द्वारा बिछाई गई बिसात के बावजूद हॉट सीट काबिज करने के अरमानों पर फिरे पानी के बाद निगम चुनाव में दोनों पार्टियां पूरी तरह से सचेत हैं। इसमें रूठों को मनाने तथा हॉट सीट पर काबिज होने के लिए सामंजस्य बैठाने तक की रणनीति को पहले ही तैयार किया जा रहा है।
 

Content Writer

prashant sharma