थाने में मर्डर से उलझा कोटखाई केस, आखिर क्यों हुई नेपाली की हत्या

Wednesday, Jul 19, 2017 - 12:46 PM (IST)

शिमला: छात्रा गैंगरेप एंड मर्डर केस में एक आरोपी की थाने में हत्या के बाद मामला और गहराता जा रहा है। आखिर ऐसा क्या ‌हुआ कि एक आरोपी ने अपने दोस्त तक की जान ले ली। पुलिस पर एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। पुलिस के अनुसार 10वीं की छात्रा से गैंगरेप कर उसकी हत्या करने वाले 6 आरोपी पुलिस ने पकड़े थे। इनमें एक आरोपी आशीष को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। इसके अलावा पांच आरोपी सुभाष बिस्ट (42) गढ़वाल, सूरज सिंह (29) और लोकजन उर्फ छोटू (19) नेपाल, राजेंद्र सिंह उर्फ राजू (जंजैहली) और दीपक (38) पौड़ी गढ़वॉल के कोटद्वार सभी पुलिस कस्टडी में थे। ये सभी कोटखाई थाने में बंद थे। इनमें तीन आरोपी एक लॉकअप जबकि मृतक सूरज और आरोपी राजेंद्र सिंह उर्फ राजू एक ही लॉकअप में बंद थे।


पुलिस मुख्यालय से मिली सूचना के अनुसार सभी आरोपियों से देर रात भी पूछताछ चल रही थी। साथ ही सूरज और राजू से भी पूछताछ हुई। बताया जाता है कि राजू को पूछताछ के बाद वापस लॉकअप में लाया गया। यहां इसे सूरज के साथ बंद कर दिया गया। इसके बाद पुलिस अन्य तीन आरोपियों से पूछताछ की तैयारी करने लगी। इसी बीच सूरज को देख राजू का पारा चढ़ गया। राजू ने सूरज को कहा कि उसने पूछताछ में क्या कहा। सूरज ने कहा कि उसने ऐसा कुछ नहीं कहा। दरअसल राजू को लगा था कि शायद सूरज ने उसे ही इस वारदात का मुख्य आरोपी बता दिया है। अपने खिलाफ बयान देने को लेकर उसने सूरज से हाथापाई कर दी और उसे जमीन पर पटक दिया।


इस झगड़े में सूरज के सिर पर चोट लग गई जिससे खून बहने लगा। बाद में जब पुलिस को इस मामले की भनक लगी तो उन्होंने आरोपी सूरज (29 साल) को अस्पताल में भेज दिया जहां रास्ते में ही उसकी जान चली गई। दरअसल छात्रा गैंगरेप और मर्डर में यह राजेंद्र के साथ ही था। वह भी इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर ही पकड़ा गया था। मगर सबके निशाने पर राजेंद्र ही था जिसने छात्रा को लिफ्ट दी थी और ये पूरी वारदात का प्लान किया था। आईजी जहूर जैदी ने बताया कि लॉकअप में पूछताछ को लेकर ही दोनों में मारपीट हुई जिसमें नेपाली युवक मारा गया। फिलहाल शव को शिमला के आईजीएमसी अस्पताल लाया जा रहा है। यहां इसका पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।