पुलिस भर्ती लिखित परीक्षा फर्जीवाड़ा : आरोपी पदों के हिसाब से लेता था 5 से 10 लाख रुपए

Friday, Jan 03, 2020 - 10:22 PM (IST)

धर्मशाला (जिनेश): युवाओं के भविष्य से खेलने वाला बिक्रम 9 वर्षों से अयोग्य अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरियों की रेवडिय़ां बांट रहा था। लाखों की मोटी रकम ऐंठ कर युवाओं को सुनहरे भविष्य की राह दिखाने वाला बिक्रम आज सलाखों के पीछे पहुंच चुका है लेकिन वर्ष 2010 से अगस्त, 2019 तक मोटी रकम को अंदर कर चुके शातिर के सरैंडर के बाद सरकारी विभागों में सेवाएं दे रहे ऐसे ही फर्जी कर्मचारियों की धुकधुकी भी बढ़ गई है। शातिर का नैटवर्क हिमाचल ही नहीं बल्कि पंजाब, हरियाणा सहित देश की राजधानी तक फैला हुआ था।

सॉल्वरों को परीक्षा उत्तीर्ण करने के मिलते थे 50 से 60 हजार रुपए

सरकारी नौकरियों के लिए आरोपी ने रेट भी फिक्स किए हुए थे। इसमें पद के अनुसार 5 से लेकर 10 लाख रुपए तक की रकम अभ्यर्थी से ली जाती थी। लिखित परीक्षा से पहले ही अभ्यर्थियों से आधी पेमैंट ले ली जाती थी तथा आधी परीक्षा पास करने के बाद ली जाती थी। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हिमाचल सहित पड़ोसी राज्यों में सरकारी विभागों की लिखित परीक्षाओं की तैयारियों में जुटे अभ्यर्थी इनका निशाना होते थे। इतना ही नहीं, यूपीएससी, एसएससी सहित अन्य उच्च परीक्षाओं की तैयारियों में जुटे युवाओं को पैसे का लालच देकर सॉल्वर बनाकर दूसरों के स्थान पर परीक्षा देने के लिए भेजते थे। इन लोगों को यह गैंग 50 से 60 हजार रुपए प्रति अभ्यर्थी देती थी।

अभ्यर्थी के उत्तीर्ण न होने पर लौटा दिया जाता था एडवांस

जानकारी के अनुसार इस गैंग में इतनी भी ईमानदारी थी कि किसी अभ्यर्थी के उत्तीर्ण न होने पर एडवांस में ली गई रकम को वापस भी कर दिया जाता था। हिमाचल में अगस्त, 2019 को पुलिस भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़े के बाद अंडरग्राऊंड हुए आरोपी बिक्रम चौधरी के शुक्रवार को सरैंडर करने के बाद कई और खुलासे होने की भी संभावना बढ़ गई है। वहीं प्रारंभिक जांच में आरोपी ने कबूला है कि इस पुलिस भर्ती में उसने 6 अभ्यर्थियों को पास करवाना था।

Vijay