जब आरोपियों से भरी बस को पुलिस जवानों ने लगाया धक्का

Tuesday, Sep 10, 2019 - 09:33 PM (IST)

घुमारवीं: हिमाचल पुलिस चौबीसों घंटे तत्परता से लोगों की सेवा करती रहे, ऐसी उम्मीद हर कोई करता है लेकिन सरकार एवं पुलिस महकमा पुलिस थानों में कितनी सुविधाएं प्रदान कर रहा है इसकी पोल मंगलवार को उस समय खुल गई जब गबन के मामले में गिरफ्तार 10 आरोपियों को न्यायालय तक ले जाना था। आरोपियों की संख्या ज्यादा होने के चलते पुलिस के जवानों की संख्या दोगुनी होनी थी ताकि आरोपियों को हिफाजत से न्यायालय तक पहुंचाया जा सके। इसके चलते एसआईटी ने एक मिनी बस पुलिस मुख्यालय बिलासपुर से मंगवाई।

जब मामले के आरोपियों तथा पुलिस के जवानों को बस में बिठाया गया तो उस समय बस स्टार्ट ही नहीं हुई। फि र पुलिस के कुछ जवान बस से नीचे उतरे और बस को धक्का देने लगे। पुलिस थाना के गेट से लेकर लगभग 200 मीटर तक पुलिस के 9 जवान बस को धक्का देते हुए दौड़ते रहे तब जाकर बस स्टार्ट हुई। उसके बाद सारे जवान बस में सवार हुए और आरोपियों को अदालत तक हिफाजत से पहुंचाया गया। इससे साफ जाहिर हो गया कि पुलिस महकमे की ओर से पुलिस थानों में कितनी सुविधाएं प्रदान की गई हैं।

वहीं रात के अंधेरे में पुलिस के जवान नाका लगाते हैं लेकिन  पुलिस थानों में रात को चमकने वाले उपकरण तक नहीं दिए गए हैं, जिसके चलते कई बार पुलिस एवं होमगार्ड के जवान वाहनों की चपेट में आने के कारण घायल हो चुके हैं। हाल ही में घुमारवीं-सरकाघाट सुपर एक्सप्रैस हाईवे पर रात के अंधेरे में एक जवान मोटरसाइकिल की चपेट में आने से घायल हो गया। इस दौरान पुलिस के जवानों ने पनयाला के समीप नाका लगा रखा था। छानबीन में पाया गया कि जब बाइक सवार वहां से तेज रफ्तार से गुजर रहा था तब उसे पुलिस की टीम नजर ही नहीं आई क्योंकि पुलिस के अधिकारियों व जवानों के पास ऐसे उपकरण एवं ड्रैसिज नहीं हैं जो रात के अंधेरे में प्रयोग की जाती हों।

Vijay