पुलिस की चेतावनी को ठेंगा दिखा लोग सड़क पर ही बेच रहे सामान

Friday, Mar 08, 2019 - 12:21 PM (IST)

हमीरपुर : चेतावनी तो बहुत हो गई, कुछ काम भी हो जाए तो बात बने। हमीरपुर शहर के मुख्य बाजार की अव्यवस्था पर पिछले माह पुलिस विभाग ने व्यापारियों से बैठक कर बड़ी-बड़ी बातें तो कीं, लेकिन धरातल में कोई ठोस बनकर सामने नहीं आई है। अतिक्रमण कम होने की बजाय बढ़ रहा है वहीं वाहन चालकों के लिए भी वन-वे रूल कोई मायने नहीं रख रहा है, जिस कारण बाजार में खरीददारी करने आने वाले बुजुर्ग, महिलाएं व बच्चों से लेकर हरेक व्यक्ति परेशान हो रहा है।

गांधी चौक से अस्पताल चौक जितना बड़ा बाजार है, उतना अव्यवस्थित व अतिक्रमण की मार भी झेल रहा है। पुलिस द्वारा बाजार में अतिक्रमण व अवैध पार्किंग को हटाने के दिए गए निर्देशों के बाद भी हमीरपुर बाजार में अतिक्रमण व अवैध पार्किंग का हाल वैसे का वैसा ही बना हुआ है। बताते चलें कि 12 फरवरी को पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन की अध्यक्षता में व्यापार मंडल, पुलिस अधिकारियों, नगर परिषद व पथ परिवहन निगम के आला अधिकारियों के मध्य हमीरपुर शहर में यातायात व्यवस्था, बाजार में अतिक्रमण व अवैध पार्किंग की अव्यवस्था के संदर्भ में बैठक की गई थी और साथ ही व्यापार मंडल को हमीरपुर बाजार में किसी भी तरह का अतिक्रमण न करने व अवैध पार्किंग को बढ़ावा न देने के संदर्भ में कड़े निर्देश दिए गए थे।

इतना ही नहीं, पुलिस द्वारा 20 फरवरी तक शहर में सभी अव्यवस्थाओं को ठीक कर लोगों को सहूलियत देने के निर्देश दिए थे, साथ ही 20 फरवरी के बाद शहर में किसी भी तरह की अव्यवस्था फैलाए जाने पर कानूनी कार्रवाई करने और कड़े कदम उठाने के बारे में चेताया गया था। 20 तारीख को बीते भी 2 हफ्ते हो चुके हैं लेकिन बावजूद इसके शहर में पुलिस की ओर से किसी भी तरह का कोई एक्शन नहीं देखा गया है। इसी के अभाव में शहर में अव्यवस्था का दौर आज भी उसी तरह जारी है। शहर के बीचोंबीच सड़क पर गाड़ियां पार्क कर सड़क पर लोगों के चलने के लिए परेशानी खड़ी की जा रही है।

इसके साथ ही व्यापारियों द्वारा भी सड़क के पास नालियों को भी पार कर दुकानदारी चमकाई जा रही है। बाजार में हो रहे इस अतिक्रमण के चलते शहर के लोगों का सड़कों पर चलना भी परेशानी से भरा हो चुका है। इसके साथ ही तेज रफ्तार वाहन भी पैदल चलने वाले लोगों की परेशानियों में अधिक इजाफा कर देते हैं। पुलिस की बैठक के बाद शहर में व्यवस्था सुधरने की उम्मीद जगी थी, लेकिन इस पर कोई भी कार्रवाई न होने के कारण यह उम्मीद भी धूमिल होती जा रही है।

 

kirti