पुलिस जवान बने गुरु जी...बच्चों को दे रहे मुफ्त कोचिंग (Video)

Monday, Oct 08, 2018 - 03:47 PM (IST)

नाहन (सतीश): कानून व्यवस्था संभालने के साथ-साथ हिमाचल पुलिस विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग देकर उनमें शिक्षा की अलख जगा रही है। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के धौलाकुआं स्थित पुलिस की छठी भारतीय आरक्षित वाहिनी (आईआरबी) ने अपने प्रांगण में ही नि:शुल्क पुलिस पाठशाला नाम से कोचिंग सेवा शुरू की है। पुलिस की इस पाठशाला में आसपास के गांवों के 10वीं के उन परिवारों के बच्चे आते हैं, जिनके पास इतने पैसे नहीं कि वे अपने बच्चों को बेहतर रिजल्ट लाने के लिए कोचिंग दिलवा सकें। ऐसे बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाने के लिए बटालियन के ही चार सिपाहियों और एक डीएसपी ने गुरु की भूमिका संभाल ली है। 


पाठशाला में करीब 120 बच्चों को अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषय पढ़ाए जा रहे हैं। हर रविवार तीनों ही विषयों की एक-एक घंटे की क्लास लगती है। चूंकि अब उनके पास और बच्चों को बैठाने की क्षमता नहीं है, इसलिए उनके अभिभावकों को इंकार करना पड़ रहा है। इस कवायद के  जरिये आसपास के क्षेत्र के विद्यार्थियों की मदद के अलावा पुलिस और आम लोगों के बीच तालमेल व संबंध भी बेहतर होने की उम्मीद है। 


खास बात यह भी है कि कोचिंग ले रहे छात्रों में छात्राओं की संख्या अधिक है। वहीं पुलिस जवानों का कहना है कि बच्चे काफी उत्साहित हैं। तीनों विषय के पूरे सिलेबस को 25 रविवार के हिसाब से बांट दिया है। बच्चों को उसी के हिसाब से चैप्टर पढ़ाए जाते हैं और अगले रविवार के लिए होमवर्क दिया जाता है। लक्ष्य है कि 20 रविवार पूरे होने तक कोर्स पूरा करा लिया जाए। अंतिम पांच रविवार में रिवीजन व टेस्ट होंगे। कोचिंग को लेकर बच्चे बेहद उत्साहित नजर आए। विभिन्न क्षेत्रों से कोचिंग के लिए  यहां पहुंच रहे बच्चों ने बताया कि उन्हें पुलिस जवानों द्वारा जो पढ़ाया जाता है उन्हें बखूभी समझ आता है। 


बच्चों ने इस बात पर भी खुशी जताई कि उन्हें यह कोचिंग निशुल्क दी जा रही है। पुलिस स्टाफ में पढ़ाने की काबिलियत परखने के लिए इच्छुक जवानों की स्क्रीनिंग कर उनकी पढ़ाने की काबिलियत को डमी क्लास के जरिए चेक किया गया। इसके बाद सिपाही अंकुश, योगेंद्र के अलावा रोहित और रजनीश का चयन विज्ञान और गणित पढ़ाने के लिए किया। बटालियन के डीएसपी बलदेव शर्मा एचपीएस बनने से पहले अंग्रेजी के अध्यापक थे, इसलिए अंग्रेजी पढ़ाने की जिम्मेदारी उन्होंने खुद ही ले ली। कुल मिलाकर पुलिस की यह पहल काबिले तारीफ है। 

Ekta