मां काली ने यहां कन्या और पहलवान का रूप लेकर किया था डायनों और राक्षसों का अंत

Thursday, Mar 05, 2020 - 03:46 PM (IST)

चम्बा (बोबी सिंह): हिमाचल प्रदेश को देवी-देवताओं की भूमि कहा जाता है। इस भूमि में कई देवी-देवताओं के धार्मिक स्थल हैं और कई देवी-देवताओं की अपनी-अपनी कहानियां हैं। ऐसी ही एक कहानी से आज हम आपको रू-ब-रू करवाएंगे। इस कहानी के बारे में न ही आपने कभी सुना होगा और न ही आपने देखा होगा। जी हां, ऐसी ही खौफनाक कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

चम्बा जिला के अंतर्गत आने वाले पर्यटन नगरी डल्हौजी से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित डैनकुंड नामक स्थान है जहां पर पोहलानी माता का मंदिर है। अब आप यह सोच रहे होंगे कि पोहलानी माता कौन हैं। चलिए बताते हैं, इस मंदिर के पुजारी राज कुमार का कहना है कि यह मंदिर लगभग 400 पुराना है।

हमारे पूर्वजों का कहना है कि यहां पर पहले डायन और राक्षस रहते थे। उस समय चम्बा के राजा हुआ करते थे जो हमारे बुजुर्गों को चम्बा में बुलाते थे। उस समय सड़क की कोई सुविधा नहीं होती थी। हमारे बुजुर्ग यहां से चम्बा लिए पैदल आते-जाते थे। यहां पर जो डायनें रहती थीं वे हमारे बुजुर्गों को काफी परेशान करती थीं।

इसके चलते हमारे बुजुर्गों ने भगवान शिव शंकर से रक्षा की गुहार लगाई, जिस पर भोले शंकर ने काली माता को भेजा। यहां पर काली माता एक कन्या के रूप में प्रकट हुईं और डायनों का वद्ध किया। जब माता ने डायनों को वद्ध किया तो यहां पर राक्षस भी आ गए। इस माता ने पहलवान का रूप लिया और राक्षसों का भी अंत कर दिया। तभी से इस स्थान को पोहलानी माता के नाम से जाना जाता है।

पुजारी के अनुसार हमारे बुजुर्गों को मां ने सपने में आकर बताया कि मैं यहां प्रकट हुई हूं। मैंने डायनों और राक्षसों का वद्ध कर दिया है। आप आकर यहां मेरी स्थापना कर दो। और आपको कोई दिक्कत नहीं होगी। तब से आज तक यहां श्रद्धालु आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

Vijay