पीएम मोदी ने हिमाचल में थामा पीड़ितों का हाथ... बातें सुनकर नम हुई आंखें, दो मिनट तक हुए मौन

punjabkesari.in Wednesday, Sep 10, 2025 - 10:45 AM (IST)

हिमाचल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश का दौरा किया, जो राज्य में भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। उन्होंने कांगड़ा के गगल हवाई अड्डे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के साथ एक बैठक की, जहां उन्होंने सभी को मिलकर आपदा पीड़ितों की मदद करने का संदेश दिया। इस बैठक में, प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जिसमें 1500 करोड़ रुपये की सहायता राशि शामिल है।

प्रधानमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से राज्य में हुई तबाही को अपनी आंखों से देखा। उन्होंने इस स्थिति को बेहद गंभीर बताया और आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के साथ खड़ी है। मोदी ने आपदा प्रभावितों के लिए तत्काल राहत के रूप में एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष) और किसान सम्मान निधि की अग्रिम किस्तें जारी करने की घोषणा की। इसके अलावा, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बेघर हुए लोगों को घर बनाने में मदद करने का भी वादा किया गया। मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की भी घोषणा की गई, जिससे पीड़ितों को कुछ राहत मिली है।

यह दौरा न केवल आपदा पीड़ितों के लिए, बल्कि राज्य की राजनीतिक स्थिति के लिए भी महत्वपूर्ण था। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी हिमाचल प्रदेश से हैं, और कांग्रेस लगातार केंद्र से पर्याप्त मदद न मिलने का मुद्दा उठा रही थी। ऐसे में, प्रधानमंत्री का यह दौरा एक मजबूत संदेश था कि वे हिमाचल को दलगत राजनीति से ऊपर मानते हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैठक में राज्य की समस्याओं को खुलकर रखा, जिसमें विशेष आपदा राहत के रूप में 1500 करोड़ रुपये की मांग, वन भूमि का आवंटन और अतिरिक्त उधार जैसे मुद्दे शामिल थे।

प्रधानमंत्री मोदी, जो हमेशा से हिमाचल को अपना दूसरा घर कहते रहे हैं, 90 के दशक में राज्य में भाजपा के प्रभारी रह चुके हैं। वे हिमाचल के कोने-कोने से परिचित हैं, जिससे राज्य के लोगों को उनसे अधिक उम्मीदें हैं। उनका यह दौरा हिमाचल को इस आपदा से उबरने में मदद करने का एक मजबूत संकेत है। हालांकि, राज्य को पूरी तरह से ठीक होने में दशकों लग सकते हैं, लेकिन इस तरह की केंद्रीय सहायता और समर्थन से पीड़ितों को उम्मीद की एक किरण मिली है। यह दौरा केंद्र और राज्य के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और आपदा से निपटने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाने में सहायक सिद्ध हो सकता है।


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Content Editor

Jyoti M

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