BOG की बैठक में पेश होगा हाईड्रो इंजीनियरिंग कालेज का प्लान

Wednesday, Dec 27, 2017 - 01:39 AM (IST)

बिलासपुर: बंदला में बनने वाले हाईड्रो इंजीनियरिंग कालेज के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। जानकारी के अनुसार इस कालेज को चलाने के लिए बनाई गई बोर्ड ऑफ गवर्नर की कमेटी ने कालेज के भवन का निर्माण करने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ वाटर रिसोर्स की कंस्ट्रक्शन यूनिट एन.पी.सी.सी. के नाम को हरि झंडी प्रदान कर दी है और संबंधित कंपनी के सिविल इंजीनियरों की टीम ने हाईड्रो इंजीनियरिंग कालेज के प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण भी कर लिया है तथा संबंधित कालेज भवन का निर्माण करने वाली इस कंपनी ने कालेज के भवन का डिजाइन तैयार करना शुरू कर दिया है। विभाग द्वारा इसके लिए आवेदन मांगे थे तथा काफी मशक्कत के बाद बी.ओ.जी. ने 5 कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया था तथा गत दिनों हुई बी.ओ.जी. की बैठक में एन.पी.सी.सी. के नाम पर मोहर लगी। 

जनवरी, 2018 के अंत में होने वाली बैठक में रखा जाएगा प्लान 
विभागीय सूत्रों के मुताबिक इसका मास्टर प्लान तैयार होने के बाद संबंधित कंपनी इसे बोर्ड ऑफ गवर्नर की जनवरी, 2018 के अंत में होने वाली बैठक में रखेगी और मास्टर प्लान को बी.ओ.जी. की हरि झंडी मिलने के बाद फरवरी, 2018 में इसका निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस कालेज के लिए नियमित प्रिंसीपल की नियुक्ति भी कर दी है। तकनीकी शिक्षा निदेशक राजेश्वर गोयल ने इसकी पुष्टि की है। तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्त किए गए प्रिंसीपल मौजूदा समय में नगरोटा बगवां में बैठ रहे हैं। 

अभी नगरोटा बगवां में चल रही कक्षाएं
मौजूदा समय में हाईड्रो इंजीनियरिंग कालेज की कक्षाएं नगरोटा बगवां में ही चल रही हैं। बिलासपुर में कालेज के लिए आधारभूत ढांचा उपलब्ध न होने के चलते ही इस कालेज की गैस्ट कक्षाएं नगरोटा बगवां में शुरू की गई हंै। इस कालेज में 4 ट्रेड मंजूर हुए हैं जिसमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल, इलैक्ट्रीकल व कम्प्यूटर साइंस शामिल हैं लेकिन इस साल केवल 2 ही ट्रेड की काऊंसलिंग हुई थी जिस कारण मौजूदा समय में नगरोटा बगवां में मैकेनिकल इंजीनियरिंग व सिविल इंजीनियरिंग की कक्षाएं चल रही हैं। 

27 अप्रैल को शिमला से पी.एम. मोदी ने किया था शिलान्यास
एन.टी.पी.सी. व एन.एच.पी.सी. के संयुक्त तत्वावधान में बनने वाले इस कालेज के भवन के लिए दोनों ही सरकारी उपक्रमों ने साढ़े 37-37 करोड़ रुपए दिए हैं। इस कालेज का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिमला में गत 27 अप्रैल को किया था। इस कालेज की घोषणा वर्ष, 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेला के समापन अवसर पर की थी तथा इस कालेज को लेकर हुई राजनीति के चलते कालेज करीब 9 साल तक शुरू नहीं हो पाया।