प्रदेश की पहचान में जुड़ेगा एक और तमगा, अब पिस्टल उत्पादन में बनाएगा पहचान(PICS)

Sunday, Nov 03, 2019 - 04:31 PM (IST)

नाहन(सतीश): पहाड़ी राज्य हिमाचल की पहचान खूबसूरत वादियों व सेब के उत्पादन के लिए होती है। इसके अलावा हरेक क्षेत्र में हिमाचलियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। जल्द ही प्रदेश की पहचान में एक तमगा ओर जुडे़गा। यह जानकर रोमांचित हो जाएंगे कि देवभूमि में पिस्टल का उत्पादन होने लगा है। बता दें कि प्रदेश के एक शख्स ने देश में पिस्टल व रिवॉल्वर के उत्पादन का पहला लाईसेंस हासिल किया है। यही नहीं असले को बनाने की अनुमति गृह मंत्रालय से हासिल की है। फिलहाल पिस्टल का उत्पादन शुरू हो चुका है और चरणबद्ध तरीके से रिवॉल्वर भी बननी शुरू हो जाएगी।

पूर्वज बंदूकों व बारूद को बनाने के माहिर थे। यही एक ऐसी मैरिट थी, जिस कारण नाहन के शकील अहमद ने लाईसेंस हासिल करने में बड़े औद्योगिक घरानों को पछाड़ दिया। शकील अहमद ने बताया कि जल्द ही देश भर के 1200 डीलर्स के नेटवर्क के माध्यम से हिमाचल की बनी पिस्टल बाजार में उतरेगी। इलैक्ट्रिशियन के तौर पर अपने जीवन का कैरियर शुरू करने वाले शकील अहमद ने लाईसेंस लेने के नामुमकिन से कार्य को मुमकिन कर दिखाया। उन्होंने न केवल अपने पुरखों की विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास किया, बल्कि एक लक्ष्य तय किया था। उल्लेखनीय है कि पहले सरकार की आर्डिनेंस फैक्टरियों में ही हथियारों का उत्पादन होता था, लेकिन दो साल पहले सरकार ने इस क्षेत्र में निजी कंपनियों को भी उतारने का फैसला लिया था।

उन्होंने कहा कि उत्पादन के दौरान सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है वहीं सभी मापदंडों को पूरा करने के बाद ही उन्हें यह लाइसेंस मिल पाया है। दरअसल देश में पहले यूएसए की बनीं पिस्तौलें व रिवॉल्वर मिलती थी। इसकी कीमतें कई गुणा अधिक होती थी। अब शकील अहमद की फैक्टरी में उत्पादित वैपन की कीमतों में काफी गिरावट आई है। इसकी बड़ी वजह यह है कि यूएसए से सिर्फ मैटल मंगवाया जा रहा है। करीब 8 चरणों के बाद अंतिम ढांचे में इन हथियारों को ढाला जाता है। शकील अहमद ने कहा कि पिस्टलों को तैयार करने के बाद यहां वह अपने शूटिंग रेंज में पहले उसकी टेस्टिंग की जाती है आधुनिक शूटिंग रेंज बनाई जा रही है जो अपने आप में बेहद खास है।

उन्होंने यह भी बताया वह अपनी इस फैक्ट्री में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दे रहे है। पिस्टल का उत्पादन शुरू होने के साथ ही यहां कई युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है। युवाओं का कहना है कि पिस्टल का उत्पादन शुरू होने के बाद उन्हें घर द्वार पर रोजगार मिल रहा है। दावा यह भी है कि सधी हुई कारीगरी से उत्पादन हो रहा है। जल्द ही कुछ अन्य आधुनिक उपकरण भी लगाए जाएंगे। पिस्टल का वजन 550 ग्राम है। इसकी खूबसूरती यह भी है कि फायर के दौरान यह दाएं व बाएं नहीं चलेगी, बल्कि हल्की चूक पर नीचे या ऊपर की तरफ फायर जाएगा।

kirti