क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में चिकित्सकों का टोटा, लोगों को करना पड़ रहा निजी अस्पतालों का रुख

Thursday, Dec 19, 2019 - 03:07 PM (IST)

ऊना (अमित) : हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के दावों की पोल ऊना में खुलती देखी जा सकती है। करीब सवा पांच लाख की आबादी वाले जिला ऊना के सबसे बड़े अस्पताल क्षेत्रीय अस्पताल में लोगों को चिकित्सकों की कमी के कारण कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रीय अस्पताल में पिछले करीब एक साल से हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं हो पाई है जिस कारण लोगों को या निजी अस्पतालों का या फिर पीजीआई चंडीगढ़ और टांडा मेडिकल कालेज कांगड़ा का रूख करना पड़ रहा है।

पिछले करीब 10 महीनों से क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में हड्डी रोग विशेषज्ञ न होने से ओपीडी पर ताला लटका हुआ है। क्षेत्रीय अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में रोजाना दर्जनों मरीज आते हैं जिनमें से किसी की हड्डी टूटी होती है तो किसी का हड्डियों में दर्द कर रहा होता है। वहीं दुर्घटना वाले मरीज भी राम भरोसे ही रहते है। दुर्घटना में किसी कि हड्डी  फै्रक्चर होती है, तो तुंरत ही पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया जाता है। वहीँ क्षेत्रीय अस्पताल में दिव्यांगता सर्टिफिकेट्स बनवाने के लिए भी लोगो को खासी दिक्कतें पेश आ रही है। क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में कुछ माह पहले हड्डी रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति के आदेश जारी हुए थे लेकिन इसके बावजूद भी चिकित्सक की तैनाती सुनिश्चित नहीं हो पाई है।

वहीं पिछले लंबे अरसे से क्षेत्रीय अस्पताल में मनोरोग विशेषज्ञ भी तैनात नहीं हो पाया है। वहीं एक माह पहले सरकार द्वारा रेडियोलॉजिस्ट का तबादला कर दिया गया है लेकिन उसके स्थान पर किसी की भी तैनाती नहीं हो पाई है जिस कारण अल्ट्रासाउंड के लिए लोगों को निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों में जाना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार से क्षेत्रीय अस्पताल में रिक्त चल रहे चिकित्सकों के पदों को तुरंत भरने की गुहार लगाई है। सीएमओ ऊना की माने तो डाक्टरों की कमी के बारे उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। वहीं सीएमओ ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने क्षेत्रीय अस्पताल को तीन सौ बैड का करने की घोषणा की थी उस संबंध में भी जरूरत अनुसार स्टाफ का प्रस्ताव भेज दिया गया है।  

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Simpy Khanna