HPU के 20 विभागों में डायरैक्ट भरी जाएंगी पीएच.डी. की इतनी सीटें, इस दिन तक होगा आवेदन

Friday, Jul 20, 2018 - 08:09 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एच.पी.यू.) में पीएच.डी. की रिक्त पड़ी सीटों को भरा जाएगा। सत्र 2018-19 के लिए विश्वविद्यालय के 20 विभागों में पीएच.डी. की रिक्त पड़ी 126 सीटें भरी जाएंगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पात्र उम्मीदवारों से पीएच.डी. में डायरैक्ट प्रवेश (बिना प्रवेश परीक्षा) के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। आवेदन करने के लिए 4 अगस्त अंतिम तिथि तय की गई है। आवेदन करने के लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की वैबसाइट पर आवेदन फार्म उपलब्ध करवा दिया है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय व कालेजों में कार्यरत शिक्षकों के लिए प्रत्येक विभाग में एक-एक सुपरनेमरी सीट रखी गई है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने प्रवेश के लिए पात्रता शर्तें व अन्य जानकारी वैबसाइट पर उपलब्ध करवा दी है। 4 अगस्त तक पीएच.डी. में प्रवेश के लिए पात्र उम्मीदवारों को संबंधित विभाग के चेयरपर्सन/निदेशक के समक्ष अपने आवेदन फार्म जमा करवाने होंगे। डायरैक्ट एडमिशन के लिए आवेदन फीस 100 रुपए निर्धारित की गई है जबकि विश्वविद्यालय व कालेजों में कार्यरत शिक्षकों के लिए 1100 रुपए फीस रखी गई है।


इन विभागों में इतनी सीटों के लिए आमंत्रित किए आवेदन
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने सत्र 2018-19 के लिए विभिन्न विभागों में पीएच.डी. की रिक्त पड़ी सीटों को भरने का निर्णय लिया है। इसके तहत गणित विभाग में 10, कैमिस्ट्री विभाग में 1, फिजिक्स विभाग मेें 6, बायो टैक्रोलॉजी विभाग 7, बायोसाइंसिज विभाग में 6, फिजिकल एजुकेशन में 2, अंग्रेजी विभाग में 2, हिन्दी विभाग में 10, संस्कृत विभाग में 2, कॉमर्स विभाग में 8, लोक प्रशासन विभाग में 25, शिक्षा विभाग में 3, एच.पी.यू.बी.एस. में 11, लॉ विभाग में 9, परफॉर्मिंग आर्ट्स विभाग (म्यूजिक) में 2, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन विभाग में 1, भूगोल विभाग में 3, समाजशास्त्र विभाग में 4, कम्प्यूटर साइंस विभाग में 9 और इतिहास विभाग में 5 सीटें भरी जाएंगी।


डायरैक्ट एडमिशन के जरिए सीटें नहीं भरी तो होगी प्रवेश परीक्षा
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पीएच.डी. की रिक्त पड़ी सीटें डायरैक्ट एडमिशन के जरिए नहीं भरी गईं तो पीएच.डी. की शेष बची रिक्त सीटों को भरने के लिए प्रवेश परीक्षा नवम्बर माह में आयोजित की जाएगी। यह जानकारी हि.प्र. विश्वविद्यालय डीन ऑफ स्टडीज प्रो. अरविंद कालिया ने दी है।

Vijay