पैडियोट्रिक सर्जन न होने से PGI रैफर किए जा रहे नवजात

Friday, Apr 05, 2019 - 01:29 PM (IST)

कांगड़ा : हिमाचल प्रदेश में पैडियोट्रिक सर्जन (शिशु सर्जन) की सुविधा न होने के कारण नवजात शिशुओं को पी.जी.आई. चंडीगढ़ रैफर किया जाता है। मैडीकल कालेज एवं अस्पताल आई.जी.एम.सी. शिमला तथा प्रदेश के दूसरे सबसे बड़ा टांडा मैडीकल कालेज व अस्पताल में नवजात शिशुओं को होने वाली भयंकर बीमारियों जिसको आप्रेशन करने की आवश्कता पड़ती है, उन्हें पी.जी.आई. अस्पताल चंडीगढ़ भेजा जाता है। कई नवजात शिशुओं को पैदा होते ही दिल के छेद, किडनी, आंखों की बीमारी, आंतडिय़ों की बीमारी जन्म से होती है उनके लिए यहां पर पैडियोट्रिक सर्जन न होने के कारण उन नन्हे बच्चों को उनकी माताएं चंडीगढ़ ले जाने को मजबूर होना पड़ता है।

गत दिन ऐसे ही एक बच्चे को चंडीगढ़ रैफर किया गया। उक्त बच्चे के पिता ने कहा कि वह एक दिहाड़ीदार मजदूर होने के कारण वह एक गरीब परिवार से संबंध रखता है किंतु वह अपने नवजात शिशु को उसकी माता के साथ चंडीगढ़ कैसे लेकर जाए उनकी समझ से परे है। इस संबंध में मैडीकल कालेज अस्पताल टांडा के चिकित्सक अधीक्षक डा. सुरेंद्र सिंह भारद्वाज ने बताया कि पैडियोट्रिक सर्जन जैसी सुविधा टांडा में न होने के कारण उन्हें मजबूरन नवजात शिशुओं को पी.जी.आई. चंडीगढ़ रैफर करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह सुविधा आई.जी.एम.सी. शिमला में भी नहीं है।


 

kirti