हिमाचल के चार जिलों में पैट्रोलियम पदार्थ व प्राकृतिक गैस की खोज

punjabkesari.in Tuesday, Oct 22, 2019 - 11:53 AM (IST)

बिलासपुर (मुकेश) : हिमाचल के चार जिलों में पैट्रोलियम पदार्थ व प्राकृतिक गैस की खोज का कार्य प्रगति पर चल रहा है। स्वारघाट के बेस कैंप में दिन-रात 24 घंटे वैज्ञानिकों द्वारा डिजिटल आंकड़े एकत्रित किये जा रहे हैं। देश के विभिन्न राज्यों में भी इस प्रकार की खोज के लिये अलग अलग कंपनियों द्वारा कार्य प्रगति पर चल रहा है। बता दें कि गत माह से बिलासपुर, सोलन, हमीरपुर, व ऊना जिलों में ओएनजीसी के माध्यम से अल्फा जीईओ इंडिया लिमिटिड हैदराबाद की कंपनी द्वारा दिन-रात वैज्ञानिक तरीके प्रारंभिक तौर पर अनुसंधान किया जा रहा है।
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गौरतलब है कि ओएनजीसी के माध्यम से अल्फा जीईओ इंडिया लिमिटेड के वैज्ञानिक द्वारा आजकल स्वारघाट क्षेत्र के समीप विभिन्न स्थानों पर बोरिंग की जा रही हैं। बेस कैंप में दिन-रात बैठकर डिजिटल आंकड़ों को एकत्रित किया जा रहा है। पुख्ता सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आजकल बिलासपुर जिला के उपमंडल स्वारघाट व साथ मे सटे जिला सोलन के रामशहर क्षेत्र में 76 किलोमीटर की सीधी लाईन में कार्य दिन रात चल रहा है। बताया जा रहा कि उक्त खोज का कार्य सितंबर से लेकर दिसंबर तक निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किया जायेगा। इस सन्दर्भ में प्रोजेक्ट के प्रभारी डॉ. डी.आर. कोठियाल जो कि ओएनजीएस के सेवानिवृत्त भू-वैज्ञानिक भी रहे हैं।
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प्रोजेक्ट के प्रभारी डॉ. कोठियाल ने ख़ास बातचीत के दौरान बताया कि उन्हें बड़ी खुशी है कि देशहित में यह उक्त कार्य का अनुसंधान का जिम्मा सौंपा गया है। इन्होंने यह भी बताया है कि पहाड़ी क्षेत्र होने के चलते हालांकि काफ़ी कठिनाइयों का सामान करना पड़ रहा है। लेकिन हिमाचल सरकार व सम्बंधित जिलों के प्रशांसन के अधिकारियों का उन्हें बहुत सहयोग मिल रहा है। जिससे कार्य दिन रात प्रगति से चल रहा है। उन्होंने कहा कि यदि हिमाचल राज्य के इन जिला के क्षेत्रों में पैट्रोलियम पदार्थ एवंम प्राकृतिक गैस का भंडार मिलता है तो भारत सरकार के साथ ही हिमाचल प्रांत को बड़ा फ़ायदा होगा। क्योंकि यह कार्य राष्ट्र हित से जुड़ा हुआ कार्य है। बता दें कि उक्त कार्य में कई स्थानों पर 60 फीट तक गहरी बोरिंग की जा रही है। इस ख़ुदाई के भीतर व आसपास के सारे कार्य के डिजिटल आंकड़े भू-वैज्ञानिकों द्वारा बेस कैम्प में एकत्रित करके पैट्रोलियम पदार्थ व प्राकृतिक गैस मंत्रालय को भेजे जा रहे हैं।


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Edited By

Simpy Khanna

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