अब मक्की में भी घुलने लगा कीटनाशकों का जहर (Watch Video)

Friday, Aug 24, 2018 - 10:48 AM (IST)

ऊना (सुरिंदर शर्मा): फर्टिलाइजर के साथ-साथ फसलों पर कीटनाशकों का प्रयोग भी अत्याधिक बढ़ता जा रहा है। किसान अपनी फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए अंधाधुंध कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन फसलों पर कितनी मात्रा में कीटनाशकों की स्प्रे की जाए, इसको लेकर कोई मापदंड तय नहीं हैं। सब्जियों पर तो अंधाधुंध स्प्रे का प्रयोग हो ही रहा है, अब मक्की की फसल पर भी अत्यधिक स्प्रे ने चिंता बढ़ा दी है। मक्की की फसल के दौरान जिस तरीके से लोग पहले मेहनत करते थे उसकी जगह अब कीटनाशकों ने ले ली है। 


मक्की की फसल के दौरान कीटनाशकों का प्रयोग घास को खत्म करने के लिए किया जा रहा है क्योंकि मजदूर न मिलने की वजह से घास की छंटाई करना संभव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि मक्की के दानों पर तो इस स्प्रे का असर नहीं होता लेकिन इसका पर्यावरण पर निश्चित रूप से असर पड़ता है। बता दें कि पहले लोग मक्की की फसल पर किसी प्रकार के कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करते थे।

फसल में से अनवांछित घास बगैरा गुडाई और निराई के जरिए मैनुअली निकाली जाती थी। लेकिन बलदते समय के साथ किसान अब मेहनत नहीं करना चाहता, इसीलिए खास खतम करने के लिए कीटनाशकों का प्रयोग करने लग गया है। वहीं कीटनाशक दवाइयों के विक्रेताओं को ट्रेनिंग दी जा रही है साथ ही उन्हें इसके उपयोग के बारे बताया जा रहा है, ताकि वह किसानों को भी जागरूक कर सकें। इसके अतिरिक्त किसानों के भी जागरूकता शिविर लगाए जा रहे हैं। 
 

Ekta