मुख्यमंत्री के रैहन आगमन पर मुआवजा अवार्ड में घोर अन्याय बारे बताएंगे 3 दर्जन कस्बों के लोग

punjabkesari.in Friday, Mar 12, 2021 - 11:31 AM (IST)

नूरपुर (राकेश) : फोरलेन संघर्ष समिति 13 मार्च को मुख्यमंत्री को इस क्षेत्र के कस्बा रैहन में आगमन पर फोरलेन पर दिए गए अवार्ड में हुए भारी अन्याय बारे अवगत करवाएगी। यह बात स्थानीय विधायक तथा वन मंत्री राकेश पठानिया के माध्यम से मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी। इस आशय की जानकारी समिति के अध्यक्ष दरवारी सिंह तथा महासचिव विजय सिंह हीर ने दी। उन्होंने बताया कि यद्यपि फोरलेन एक्ट 2013 में प्रभावित लोगों को न्यायपूर्ण ढंग से मुआवजे तथा उचित पुनर्वास के सभी प्रावधान हैं, लेकिन इसके अवार्ड को इस एक्ट के अनुसार न देकर 1956 के एक्ट अनुसार दिया गया है। इस कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित स्वर्ण धातु से भी कीमती इस जमीन का रेट कौडियों के मोल के रूप में देकर लगभग 40 कस्बों की जनता के साथ भारी अन्याय किया जा रहा है। समिति द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे स्थित इस भूमि की वास्तविक कीमत 10 से 15 लाख रुपए प्रति मरला है तथा 25 फरवरी 2021 को दिए गए अवार्ड में इस वास्तविकता से आंखें मूंद कर यह कुछ एक हजार रुपए प्रति मरला की दर से दिया गया है जिसमें आजकल बंजर या खड्ड में स्थित भूमि भी नहीं मिलती। एक्ट की धारा 26 की इस अवार्ड में पूरी तरह अनदेखी की गई है।

अवार्ड को निरस्त किया जाए

समिति द्वारा मांग की गई है कि मुआवजा संबंधी मामलों को निपटाने के लिए आर्वीटियेश्न की व्यवस्था भी 2013 के फोरलेन एक्ट अनुसार की जाए। इस एक्ट में ग्रामीण क्षेत्र में स्थित भूमि के लिए 2 गुना मुआवजा दिए जाने का स्पष्ट प्रावधान है जिसको देने में कोई संकोच नहीं किया जाए। स्थानीय विधायक व वन मंत्री का दायित्व बनता है कि वह मुआवजा अवार्ड में हुए घोर अन्याय का 3 दर्जन कस्बों के लोगों को प्रतिरोध करें तथा न्यायोचित नए अवार्ड को जारी करवाने का उपक्रम करें। समिति द्वारा हाल ही में नूरपुर के वन विभाग के विश्राम गृह में वन मंत्री से हुई वार्ता का प्रसंग देते हुए कहा गया कि इसमें सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में वन मंत्री ने उन्हें जो भरोसा दिया है उस पर अक्षरशः उतरना उनका दायित्व बनता है।
 


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Content Writer

prashant sharma

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