ग्रामीणों ने IPH विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा, खाली बर्तनों के साथ की नारेबाजी

Thursday, Jun 07, 2018 - 10:13 PM (IST)

चम्बा: जैसे-जैसे गर्मी का पारा बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे पेयजल समस्या भी गंभीर रूप धारण कर रही है, ऐसे में लोगों के गुस्से का पारा भी आसमान को छूने लगा है। चुराह विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाली ग्राम पंचायत कंदला के गांव मऊआ के ग्रामीणों ने वीरवार को खाली बर्तनों को हैंडपंप के लिए बोर करने वाली मशीन के आगे रखकर सरकार व आई.पी.एच. विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें लंबे समय से पेयजल संकट का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है लेकिन विभाग है कि मांग को पूरा करने के लिए कोई गंभीरता नहीं दिखा रहा है।


हैंडपंप की सुविधा दिए बगैर नहीं जाएगी मशीन
ग्रामीणों का कहना है कि विभाग पहले तो गांव की इस समस्या का निवारण करने के लिए हैंडपंप लगाने का आश्वासन दे रहा था लेकिन अब मशीन को यहां से कहीं ओर ले जाने को उतारू है। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उनके गांव को हैंडपंप की सुविधा विभाग मुहैया नहीं करवाता है तब तक वे बोर करने वाली मशीन को यहां से हरगिज जाने नहीं देंगे। ग्रामीणों ने विभाग व सरकार के खिलाफ अपनी मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की।


विभाग ने मंत्री को दी गलत जानकारी
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले दिनों जब जिला मुख्यालय में आई.पी.एच. मंत्री ने विभाग के साथ बैठक कर पेयजल संकट बारे जानकारी हासिल की तो विभाग ने सब कुछ ठीक बताया लेकिन स्थिति इसके विपरीत है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि विभाग ने आई.पी.एच. मंत्री को गलत जानकारी देकर गुमराह किया है। ग्रामीणों ने कहा कि आई.पी.एच. विभाग ने उनकी इस मांग को जल्द पूरा नहीं किया तो उन्हें सड़क पर धरना-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।


पौना किलोमीटर दूर जाकर लाना पड़ रहा पानी
ग्रामीणों ने कहा कि गांव की महिलाओं का पूरा दिन पानी का जुगाड़ करने में ही बीत रहा है। उन्होंने कहा कि हर दिन सुबह व शाम महिलाओं को पेयजल संकट से निजात पाने के लिए गांव से करीब पौना किलोमीटर दूर आई.पी.एच. विभाग द्वारा लगाए गए हैंडपंप से पानी ढोकर लाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव से हैंडपंप की इतनी अधिक दूरी के होने चलते महिलाओं को पूरा दिन पानी ढोने में ही बीताने को मजबूर होना पड़ रहा है।


क्या कहते हैं विभाग के अधिकारी
उपमंडल कोटी के एस.डी.ओ. भूपिंद्र सिंह जसरोटिया ने कहा कि लोगों की मांग पर इस पंचायत में विभाग अब तक 4 हैंडपंप लगा चुका है, ऐसे में अब इस पंचायत में अन्य हैंडपंप कुछ समय के बाद लगाया जा सकता है क्योंकि जहां लोग हैंडपंप लगाने को कह रहे हैं, उस स्थान पर पानी की मौजूदगी का टैस्ट किया जाना बाकी है, ऐसे में ग्रामीण बोर करने वाली मशीन को रोककर ठीक नहीं कर रहे हैं। ग्रामीणों को परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए कोई निर्णय लेना चाहिए।

Vijay