देवी भागासिद्ध की अधूरी इमारत से छेड़छाड़ से डर रहे हैं लोग, ये है वजह

Friday, Nov 02, 2018 - 11:00 AM (IST)

कुल्लू : देवी-देवताओं से जुड़ी कई ऐसी इमारतें या अन्य चीजें हमारे सामने हैं, जो आज भी पहेलियां बनी हुई हैं। शिलिहार के छेऊंर गांव में भी करीब 300 सालों से एक ऐसी ही अधूरी इमारत है, जिससे कोई भी छेड़छाड़ की हिम्मत नहीं जुटा पाता। काष्ठकुणी शैली में बनी इस इमारत का अब सिर्फ निचला हिस्सा ही बचा हुआ है और यही वह हिस्सा है, जिससे छेड़छाड़ का परिणाम दैवीय प्रकोप के रूप में झेलना पड़ सकता है। इलाकावासियों की मानें तो इस इमारत के निचले हिस्से में देवी भागासिद्ध का रथ दबा हुआ है। करीब 300 वर्ष पूर्व जब इस इमारत का निर्माण कार्य शुरू हुआ था तो इस बीच देवी भागासिद्ध के रथ को भी नरोगी गांव से यहां लाया गया। निर्माण कार्य में हल्का विघ्न आने पर देवी ने निर्माण कार्य रोकने के लिए कहा। उसके बाद इस इमारत का निर्माण कार्य आगे न बढ़ सका।

जो निर्माण हुआ था, वह भी धीरे धीरे ढह गया। इमारत का भूतल का एक कमरा आज भी वहीं पर है, जिसमें देवी का रथ मौजूद है। बताते हैं कि मौजूदा दौर में यदि इस इमारत को उखाड़कर देवी के रथ को यहां से निकालना है तो एक बड़ा यज्ञ करना होगा। इस यज्ञ में नरोगी गांव से देवी भागासिद्ध का मौजूदा रथ भी आमंत्रित करना होगा। अन्य देवी-देवताओं को भी इसके लिए बुलाना पड़ेगा। इस कार्य के दौरान हल्की सी चूक का नतीजा दैवीय प्रकोप के रूप में ही सामने आएगा। इसीलिए इलाके के लोग इस कार्य को अंजाम देने से डर रहे हैं। 

kirti