किन्नौर का अस्तित्व बचाने व हाईड्रो प्रोजैक्ट निर्माण के विरोध में सड़कों पर उतरे हजारों लोग

punjabkesari.in Thursday, Aug 26, 2021 - 06:25 PM (IST)

रिकांगपिओ (रिपन): जिला किन्नौर में विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के विरोध में और किन्नौर के अस्तित्व को बचाने के लिए जिला किन्नौर के लोग लामबंद हो गए हैं। इसी के चलते वीरवार को हजारों की संख्या में हिमलोक जागृति मंच किन्नौर, जिला वन अधिकार संघर्ष समिति किन्नौर और जंगी थोपन-पोवारी प्रभावित संघर्ष समिति किन्नौर के संयुक्त तत्वावधान में परियोजना प्रभावित क्षेत्रों के लोग सड़कों पर उतरे और हजारों परियोजना प्रभावित क्षेत्रों के लोगों सहित जिला के लोगों ने एकजुट होकर जिला मुख्यालय रिकांगपिओ में विरोध रैली निकाल कर तथा किन्नौर में और अधिक परियोजनाओं के निर्माण पर रोक लगाने की मांग कर विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में जिला वन अधिकार संघर्ष समिति, जिला हिमलोक जागृति संघ, रारंग संघर्ष समिति, युवक मंडल खदरा व युवक मंडल कानम सहित विभिन्न क्षेत्रों की परियोजना प्रभावित समितियों के लोगों ने भाग लेकर जनजातीय एकता जिंदाबाद, 1234 नहीं सहेंगे अत्याचार व नो मीन्स नो आदि के नारे लगाकर जमकर विरोध किया। यह विरोध रैली रामलीला मैदान रिकांगपिओ से शुरू हुई तथा मुख्य बाजार से होते हुए पीएनबी बैंक तक पहुंची तथा वापस रामलीला मैदान में पहुंची। 

मुख्यमंत्री को भी भेजा ज्ञापन

रैली के बाद समितियों के पदाधिकारियों ने सहायक आयुक्त किन्नौर के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भी भेजा, जिसमें जिला किन्नौर की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सभी प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाओं को निरस्त किए जाने, जिले में मौजूद भूस्खलन प्रभावित जगहों को चिन्हित कर सुरक्षा के ठोस इंतजाम करने, 2019 में कानूनों को ताक में रखकर जो जनजातीय संपत्ति गैर-जनजातीय व्यक्तियों को हस्तांतरित की गई है उसे तुरंत रद्द करने, 804 मैगावाट जंगी थोपन-पोवारी जल विद्युत परियोजना के लिए सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड, राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा की जा रही समस्त कार्रवाई व गतिविधि को तुरंत रोक कर इस परियोजना को रद्द किए जाने, नौतोड़ नियम में संविधान की 5वीं अनुसूची के तहत तथा योग्य संशोधन लाकर या वन अधिकार कानून 2006 की धारा 3(1)(जे) के तहत नौतोड़ भूमि प्रदान करने आदि की मांग की गई।

किन्नौर में लैंड स्लाइड से जा रही लोगों की जान

रोष रैली के बाद रामलीला मैदान में राज्य स्तरीय संगठन के हिमालय नीति अभियान के संयोजक गुमान सिंह, हिमधरा पर्यावरण समूह की संस्थापक सदस्य मांशी आशर, लाहौल-स्पीति एकता मंच से रिगजीन हायरप्पा व स्पीति सिविल सोसायटी से सोनम तारगे व ताकपा तेंजिन तथा हंगरंग संघर्ष समिति अध्यक्ष शांता कुमार नेगी आदि ने कहा कि कई वर्षों से किन्नौर के लोग हाईड्रो प्रोजैक्टों के निर्माण का विरोध कर रहे हैं तथा किन्नौर में हाईड्रो प्रोजैक्टों के निर्माण से आज किन्नौर का अस्तित्व खतरे में आ गया है। जिले में जगह-जगह बिना किसी हलचल व थोड़ी-सी बारिश होने पर ही लैंड स्लाइड हो रहे हैं, जिससे लोगों की जानें जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किन्नौर में चौरा से लेकर सुमरा तक जगह-जगह बिना किसी रिवर केयरिंग कैपेसिटी को कन्सीडर करते हुए हाईड्रो प्रोजैक्ट प्रस्तावित किए हैं, जिसके विरोध में आज पूरा किन्नौर एकजुट होकर बिना किसी राजनीतिक भावना से एक किन्नौर एक आवाज के रूप में व नो मीन्स नो का नारा लगाते हुए इकट्ठा हुआ है ताकि यह आवाज केंद्र तक पहुंचे, जिससे केंद्र को पता चले कि किन्नौर के लोगों की क्या मांग है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्तावित जंगी थोपन प्रोजैक्ट के बनने से लोगों के वन अधिकारों का हनन होगा तथा लोगों का पलायन भी संभव हो जाएगा, इसलिए लोगों द्वारा एकजुट होकर विरोध किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि किन्नौर में परियोजनाओं के विरोध में आज लोगों के हाथ में नो मीन्स नो व नो मोर प्रोजैक्ट के बोर्ड हैं।

गैर-जनजातीय को हस्तांतरित करने का भी किया विरोध

जिला किन्नौर में नियमों को ताक पर रखकर गैर-जनजातीय लोगों को भूमि हस्तांतरित की जा रही है, जिसका भी लोगों ने जमकर विरोध किया। उन्होंने कहा कि किन्नौर की आवाज को हमेशा शासन व प्रशासन ने नजरअंदाज किया है, जिससे आज किन्नौर विलुप्त होने की कगार पर है। यही नहीं, बाहर के लोगों द्वारा यहां के लोगों के हकों पर अपना हक जमाने की कोशिश की जा रही है, जिसके विरोध में आज लोगों द्वारा रोष प्रदर्शन किया जा रहा है।


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Content Writer

Vijay

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