एेसा क्या हैं जो इस गांव के लोग खौफ के साए में जीवन जीने को हैं विवश?

Friday, Jun 30, 2017 - 11:14 AM (IST)

कुल्लू : हिमाचल प्रदेश में पार्वती घाटी के सेऊंड गांव के लिए चपाड़ी की पहाड़ी खतरा बनी हुई है। इस पहाड़ी से गांव की ओर लगातार चट्टानें खिसक रही हैं, जिससे कई मकानों पर खतरा मंडरा रहा है। पिछले साल भी जुलाई के महीने में इस गांव की ओर पहाड़ी से चट्टानें लुढ़की थीं। हालांकि मकानों तक ज्यादा बड़े पत्थर नहीं पहुंचे लेकिन मकानों से सटे पलम सहित अन्य फलों के बगीचों को चट्टानों ने तबाह कर दिया था। उस दौरान भी लोगों ने कुल्लू पहुंच कर प्रशासन से गुहार लगाई थी कि गांव पर मंडरा रहे खतरे को टालने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

बरसात का मौसम फिर हुअा शुरू
बीते वर्ष हालांकि तत्कालीन ए.डी.सी. विनय सिंह ने तहसीलदार भुंतर को मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए थे। तहसीलदार भुंतर ने ए.डी.सी. को सौंपी रिपोर्ट में कहा था कि अभी और भी कई ऐसी चट्टानें हैं जो कभी भी गिर सकती हैं और तबाही मचा सकती हैं। इस पर लोक निर्माण विभाग को मौके पर जाकर गिरने की कगार पर खड़ी चट्टानों को ब्लास्ट करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन अभी तक इन चट्टानों को तोड़ा नहीं गया है। ऐसे में कभी भी ये चट्टानें गांव में तबाही मचा सकती हैं। अब बरसात का मौसम फिर से शुरू हो गया है और गांव के लोग खौफ के साए में जीवन जीने को विवश हैं।

जब पहाड़ी से गिरी चट्टानें  
लोगों के आग्रह के बावजूद उन्हें राहत पहुंचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। इलाकावासी संजय कुमार, मोहर सिंह, पंचायत समिति सदस्य ओम प्रकाश, उपप्रधान नंद लाल राणा, पूर्व प्रधान देवेंद्र शर्मा व भवानी नेगी आदि ने कहा कि पिछले साल जब पहाड़ी से चट्टानें गिरी थीं तो बगीचे में पलम व अन्य फलों के कई पेड़ टूट गए थे। मकानों तक भी पत्थर पहुंचे थे। चट्टानें यदि लुढ़कते हुए न टूटतीं तो मकानों को भी नुकसान हो सकता था। लोगों व जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि भारी बरसात शुरू होने से पहले ऐसी कोई व्यवस्था की जाए, जिससे गांव के ऊपर से खतरा टल जाए।