सागर चंद्र शर्मा के नाम से भी कांपते हैं आपराधिक प्रवृत्ति के लोग

Thursday, Jul 22, 2021 - 11:45 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र शर्मा): हिमाचल पुलिस में बेहद सख्त और ईमानदार अधिकारी के तौर पर पहचाने जाने वाले सागर चंद्र शर्मा के नाम से भी कई लोग खौफ खाते हैं। साढ़े 3 वर्षों के कार्यकाल के बाद विजीलैंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो ऊना में प्रमुख अधिकारी के तौर पर तैनात रहे सागर चंद्र शर्मा अब एएसपी कुल्लू के रूप में सेवाएं देंगे। उन्होंने विधिवत रूप से यहां से कार्यभार छोड़ दिया है लेकिन प्रदेश में विजीलैंस अधिकारी के रूप में उनकी सेवाएं हमेशा रिकार्ड के रूप में दर्ज रहेंगी। पहले डीएसपी तो बाद में पदोन्नत होकर एएसपी के तौर पर वह विजीलैंस कार्यालय ऊना के प्रभारी रहे हैं। वर्ष 2008 में हिमाचल पुलिस सेवा में आए सागर चंद्र शर्मा एनआईटी वारांगल से बीटैक पास हैं और हिमाचल पुलिस में आने से पहले वह डिपार्टमैंट ऑफ टैलीकॉम व उसके उपरांत बीएसएनएल में बतौर इंजीनियर भी सेवाएं दे चुके हैं।

विजीलैंस में रिकॉर्ड तोड़ 31 केस दर्ज तो 13 को किया ट्रैप

हिमाचल के विजीलैंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो के इतिहास में शायद किसी भी जिले में इतने केस और ट्रैप नहीं हुए जितने सागर चंद्र शर्मा ने ऊना में दर्ज किए। रिकॉर्ड के मुताबिक विजीलैंस ऑफिस ऊना में रिकॉर्ड 31 केस दर्ज हुए जिनमें से सफलतापूर्वक 13 ट्रैप भी किए गए। भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने में सागर चंद्र शर्मा का कोई सानी नहीं है। न केवल अपने कार्य क्षेत्र ऊना बल्कि शिमला, मंडी और कांगड़ा में भी ट्रैप लगाकर कई लोगों को गिरफ्त में लिया।

पुलिस में भी भ्रष्टाचार को उजागर किया

एएसपी सागर चंद्र शर्मा की अगुवाई में विजीलैंस टीम ने न केवल दूसरे विभागों बल्कि पुलिस में भी छाए कथित भ्रष्टाचार को उजागर किया। उनकी अगुवाई में विजीलैंस की टीम ने डीएसपी ज्वाली, डिप्टी डायरैक्टर एग्रीकल्चर शिमला, आरटीओ ऊना, तहसीलदार सहित पुलिस चौकी इंचार्ज दौलतपुर चौक को भी ट्रैप किया। सागर चंद्र शर्मा ने जो 13 ट्रैप किए उनमें कई विभागों के बड़े अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे।

कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक में ऋण घोटाले की परतें भी उधेड़ीं

कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक में ऋण घोटाले की परतों को भी इसी अधिकारी ने उधेड़ा था। गगरेट के सबसे बड़े फर्जी पॉलीहाऊस स्कैम से लेकर करोड़ों रुपए के ऊना कांगड़ा बैंक के फर्जी ऋण कांड को भी उजागर कर बैंक की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा किया था। एएसपी सागर चंद्र शर्मा न किसी के दबाव में झुके और न रुके। जो भी सामने आया उसे दबोचते चले गए। एसबीआई गगरेट में भी उन्होंने ट्रैप किया।

अपने काम से कभी विचलित नहीं हुए

गगरेट में एक बार तो वह पूर्व सरकार के दौरान तत्कालीन सत्ताधारी दल के विधायक तक से भिड़ गए थे। मामला काफी ऊपर तक उछला लेकिन सागर चंद्र शर्मा इससे जरा भी विचलित नहीं हुए। न तो उन्होंने अपना रवैया बदला और न ही अपना अभियान कमजोर पडऩे दिया। बेहद सादगी से रहने वाले सागर चंद्र शर्मा का नाम सुनकर कई खौफ खाते हैं। ऊना से विजीलैंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो से तबदील होने के बाद मानो कइयों को राहत की सांस मिली है। मंडी जिले के नेरचौक में माफिया के साथ हाथापाई का शिकार भी सागर चंद्र शर्मा हो चुके हैं। इस संबंध में सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हुआ था। जब वह चरस के एक माफिया पर शिकंजा कस रहे थे तो उस समय इन पर हमला भी हुआ था।

सरकार ने संज्ञान लिया तो कई बड़े खुलासे हो सकते हैं

ऊना जिले के स्वां चैनेलाइजेशन में हुई कथित धांधलियों की जांच का जिम्मा भी सागर चंद्र के पास था। कार्यभार छोडऩे सेे पहले उन्होंने इस मामले में अपनी रिपोर्ट दे दी है। हालांकि यह रिपोर्ट क्या है यह गोपनीय है और यदि सरकार ने संज्ञान लिया तो कई सनसनीखेज खुलासे हो सकते हैं।

कम स्टाफ के साथ काम करने वाले हैं पहले अधिकारी

ऊना के विजीलैंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो ऑफिस में स्टाफ की कमी और केवल 2 इंस्पैक्टरों की टीम के सहारे इतने अधिक केस पंजीकृत करने और ट्रैप करने वाले सागर चंद्र पहले अधिकारी हैं। धर्मशाला ऑफिस में जहां 6 जांच अधिकारी हैं वहीं ऊना में इनकी संख्या महज 2 है। दिन और रात अपने ऑफिस में डटे रहने वाले सागर चंद्र न तो किसी से अधिक घुलते-मिलते हैं और न ही कभी किसी का एहसान लेते हैं। सादगी से रहने वाले यह अधिकारी हिमाचल पुलिस में एक मिसाल कायम कर चुके हैं।

अपने दायित्व का निर्वहन करता रहूंगा

सागर चंद्र शर्मा के कार्यभार सौंपने पर जब उनके तबादले पर बात की गई तो उन्होंने केवल इतना ही कहा कि वह अपने दायित्व का निर्वहन करते हैं और यह ही उनका परमोधर्म है। पुलिस में अब तक के सेवाकाल के दौरान हमीरपुर, ठियोग, अम्ब और डल्हौजी में बतौर डीएसपी सेवाएं देने के साथ-साथ सीआईडी और वायरलैस में भी सेवाएं दे चुके हैं।

Content Writer

Vijay