लोगों ने बकरों की बलि के बजाय नारियल काटकर किए बच्चों के मुंडन

Monday, Jul 30, 2018 - 09:25 AM (IST)

बालीचौकी (दुनीचंद): सराज घाटी के देवता सुमुनाग व नगलवाणी का हूम पर्व क्षेत्र के दर्जनों बच्चों के सामूहिक मुंडन संस्कार के साथ संपन्न हुआ। देवता नगलवाणी के मंदिर में क्षेत्र के दर्जनों लोगों ने अपने बच्चों के मुंडन संस्कार बकरों की बलि के बजाय नारियल काटकर ही किए। उत्सव 28 से 31 जुलाई तक चलेगा। पंचायत के उपप्रधान शैटी ने कहा कि इस बार सुमली मेला 31 को समाप्त हो जाएगा। मेले के अंतिम दिन देवता के देवलुओं द्वारा 10 किलोमीटर दूर से देवता के गूर द्वारा चयनित पेड़ को काटकर लाया जाता है और अश्लील तंज भी कसे जाते हैं।


सैंकड़ों देवलू कीचड़ के साथ खेलते हैं और उसी हालत में नाटी भी डालते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। देवता के गूर नोक सिंह का कहना है कि यह मेला सदियों से मनाया जा रहा है, जिसमें इस प्रकार की परंपरा का निर्वाह किया जाता है। बता दें कि सराज घाटी के इस सुमली मेला की अपनी अलग पहचान है। देव समाज में इसे फेर कहा जाता है जिसमें सब गांव के लोग देवालय को जाते हैं। रात को देवता द्वारा निकाले गए समय के अनुसार देव विधि शुरू हो जाती है और फेर में अश्लील गालियां निकाली जाती हैं। यह प्रक्रिया पूरे गांव से गुजरते हुए गांव के मुख्य बड़े मैदान में पहुंचती है, जहां गूर, पुजारी व अन्य कार कारिंदे इस प्रक्रिया का निर्वाह करते हैं। 

Ekta