Himachal: यहां जान जोखिम में डाल ''ब्यास नदी'' में नहा रहे बच्चे, कभी भी हाे सकता है बड़ा हादसा
punjabkesari.in Tuesday, Jul 08, 2025 - 05:40 PM (IST)

नादौन (जैन): बरसात के मौसम में ब्यास नदी के जलस्तर में किसी भी समय तेजी से वृद्धि हो सकती है, इसके बावजूद लोग लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे हैं। प्रशासन की सख्त चेतावनी के बावजूद न केवल लोग नदी में नहा रहे हैं, बल्कि कपड़े धोने जैसी गतिविधियां भी लगातार जारी हैं। सबसे चिंताजनक स्थिति तब सामने आई जब आप्रवासियों के छोटे-छोटे बच्चे बिना किसी अभिभावक के अकेले ही ब्यास नदी में नहाते हुए देखे गए। यह लापरवाही किसी भी समय बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
प्रशासन की ओर से पहले ही स्पष्ट चेतावनी जारी की जा चुकी है कि बरसात के मौसम में ब्यास नदी, खड्डों व नालों का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है, जिससे पानी की तेज धार किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। बावजूद इसके, स्थानीय प्रशासन की चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए नदियों के किनारे बसे आप्रवासी लोग तथा उनके बच्चे सुरक्षा नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
प्रशासन ने संबंधित पंचायतों को निर्देश दिए थे कि वे अपने क्षेत्र में रहने वाले लोगों को नदी के बढ़ते जलस्तर और उससे जुड़ी संभावित आपदाओं के प्रति जागरूक करें, लेकिन नगर पंचायत की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। प्रचार-प्रसार का अभाव और स्थानीय प्रशासन की सुस्ती की वजह से आप्रवासी परिवारों को इस खतरे की गंभीरता की जानकारी नहीं है। यही कारण है कि ब्यास नदी के किनारे लगातार लोग अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।
एसडीएम नादौन राकेश शर्मा ने बताया कि हालात को देखते हुए नगर पंचायत और पुलिस विभाग को एक बार फिर निर्देश दिए गए हैं कि वह आप्रवासियों और अन्य स्थानीय लोगों को ब्यास नदी के जलस्तर और उसमें नहाने के खतरे के बारे में विस्तार से जानकारी दें। साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि इसके बावजूद कोई व्यक्ति लापरवाही करता है, तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि बरसात के दौरान ब्यास नदी, खड्डों और अन्य जल स्रोतों के समीप जाने से बचें। अपने बच्चों और पालतू जानवरों को भी नदियों के किनारे न जाने दें।
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